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गोयल TMT सरिया बनाने वाली कंपनी सरिया ही नहीं बेटे बहु को डिप्टी कलेक्टर भी बनाती है,45 लाख में हुआ चयन

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने सीजीपीएससी 2021 की भर्ती परीक्षा घोटाले में तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड, रायपुर के निदेशक को श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार कर घोटाले की पुष्टि कर दी है।

पहली ही गिरफ्तारी में पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार की भर्ती परीक्षाओं में हुए भ्रष्टाचार का राज खुल गया है। गिरफ्तार किए गए उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल पर अपने बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका का डिप्टी कलेक्टर पद पर चयन के लिए रिश्वत देने का आरोप है। भर्ती परीक्षा के परिणाम जिस समय आए थे तब पति-पत्नी की जोड़ी ने खूब वाहवाही भी लूटी थी।

CGPSC घोटाला में एक और बड़ा मामला सामने आ रहा है। इस मामले में छत्तीसगढ़ की एक बड़ी कंपनी भी CBI जांच की जद में फंस सकती है। दरअसल CGPSC SCAM में सीबीआई ने श्री बजरंग पावर एंड
इस्पात कंपनी के डायरेक्टर गोयल को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने कंपनी के सीएसआर फंड से 45 लाख रुपए का भुगतान एक एनजीओ को
किया।

यह एनजीओ CGPSC के चेयरमैन रहे पूर्व आईएएस अफसर टामन सिंह सोनवानी की पत्नी का है। एनजीओ में यह फंड ट्रांसफर होने के बाद ही गोयल के बेटे शशांक और बहू भूमिका का सिलेक्शन डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट पर हुआ।

बताया जा रहा है कि सीएसआर फंड का गलत उपयोग यानी रिश्वत के लिए किए जाने की वजह से श्री बजरंग पावर एंड इस्पात कंपनी भी इस केस में जाच की जद
में आ सकती है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार श्री बजरंग पावर एंड इस्पात कंपनी गोयल TMT सरिया बनाती है।

सीएसआर फंड से दी गई रिश्वत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार टामन सिंह की पत्नी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. पदमिनी सोनवानी हैं उनका एक एनजीओ ग्रामीण विकास समिति। इसमें एसके गोयल ने दो किस्तों में 20 लाख और 25 लाख रुपए जमा किए। ये पैसा श्री बजरंग पावर एंड इस्पात कंपनी के सीएसआर फंड से गया। इन्ही पैसों से सोनवानी ने पैतृक गांव में स्कूल बनवाया है।

हालांकि, टामन और गोयल के वकीलों ने कोर्ट में कहा है कि सीबीआई की कार्रवाई गलत है। गोयल निजी कंपनी के डायरेक्टर हैं। उनकी कंपनी सीएसआर फंड के तहत
अलग-अलग संस्थाओं को पैसे देती है। उसी के तहत उन्होंने ग्रामीण विकास समिति को पैसे दिए हैं। उस पैसे से बिल्डिंग बनाईं गईं

मंगलवार को विशेष कोर्ट में पेश की गई सीबीआई की डायरी में कहा गया है कि श्री बजरंग पावर एंड इस्पात ने सीएसआर मद में ग्रामीण विकास समिति नाम के
एनजीओ को 45 लाख रुपए ट्रांसफर किए थें। सोनवानी की पत्नी इसी एनजीओ की अध्यक्ष हैं। विशेष कोर्ट ने सोनवानी और गोयल, दोनों को 28 नवंबर तक सीबीआई की रिमांड पर भेज दिया है।

भाई-भतीजे बने अफसर

अब इस फर्जीवाडे की सतह में जाते हैं। इस फर्जीवाड़े ने छत्तीसगढ़ के सैकड़ों युवाओं के.भविष्य पर डाका डाल दिया। चयन हुआ तो अध्यक्ष, राजनेता और अफसरों के भाई भतीजों और पुत्रो का। 2021 में परीक्षा हुई 2023 में रिजल्ट आया।

रिजल्ट आते ही ये ये विवादों में घिर गया और इस पर सवाल खड़े हो गए। पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में एक पीआईएल दाखिल की, जिसमें इस चयन सूची पर गंभीर आपत्तियां और तध्य पेश किए गए थे।

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