सैकड़ों लोगों की भीड़, दूर तक बाइक और चार पहिया वाहनों की कतारें। सबको अपनी बारी का इंतजार है। इनमें सबसे ज्यादा संख्या नि:संतान महिलाओं और दंपती की है। घंटों के इंतजार के बाद एक दंपती को घर के अंदर बने कमरे में बुलाया जाता है। अंदर सफेद धोती-बनियान में ‘बूटी वाले बाबा’ बैठे हैं। गले में रुद्राक्ष की माला है और उम्र करीब 36-37 साल के आसपास।
बाबा समस्या पूछते हैं और फिर नीबू चाटने के लिए कहते हैं। बाबा का दावा है कि नींबूचाटने के 10 से 15 मिनट में महिला गर्भवती (प्रेनेंट) हो जाती है। वह 4 से6 माह में स्वस्थ बच्चे का जन्म हो जाने का दावा भी करते हैं। यह बाबा हैं, पीतांबर जगत।
छत्तीसगढ़ के महासमुंद में बसना के बुटी पाली गांव में पिछले करीब 15 साल से दरबार लग रहा है। हालांकि गर्भधारण के लिए प्रसाद देने का काम 4 माह पहलेही शुरू हुआ। मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने फिलहाल दरबार पर रोक लगा दी है। पढ़िए मेडिकल साइंस को चुनौती देने वाले बाबा और उनके प्रसाद की कहानी
पहले जानिए क्या है बाबा का दावा….
बाबा का दावा है कि, उनके ऊपर ठाकुर देव विराज हुए। वह उसे जंगल की एक गुफा में ले गए। वहां7 दिनों तक बाबा आराधना मेंलीन रहे। वहां से लौटे तो झाड़-फूंक करने लगे। लोगों की बीमारियां ठीक होने लगी तो और लोग भी दूर-दूर से पहुंचने लगे। बाबा का कहना है कि पूरे छत्तीसगढ़ के साथ ही उनके पास ओडिशा, झारखंड और कश्मीर तक से लोग इलाज के लिए आते हैं।
दवाई लेने के बाद महिलाएं सोनोग्राफी भी करा सकती हैं और टीका भी लगा सकती है। इसमें उनके गर्भधारण की पुष्टि हो जाएगी, लेकिन उन्हेंयहां से पहले अनुमति लेना जरूरी है। अगर अनुमति नहीं लेंगी तो सोनोग्राफी में भी कुछ पता नहीं चलेगा। बाबा का यह भी दावा है कि, प्रेगनेंसी में भी महिला के मेंस्टूएशन बंद नहीं होंगे। यह भी दावा करते हैं कि 2-4 माह के बच्चे को भी चलवा देंगे।
अब जानिए क्या है इलाज की पूरी परक्रिया
बाबा का कहना है कि भगवान राम, हनुमान और बूढी देवी ही उन्हें इलाज के लिए दवाई लाकर देते हैं। ये दवाई कहां से लाते हैं, उन्हें भी इसका पता नहीं है। जब कोई बच्चेके लिए महिला पहुंचती है, तो उसके साथ पुरुष का होना जरूरी है। वह किसी भी महिला को अकेले नहीं बुलाते हैं।
प्रसाद के रूप में जमीन पर (नीबू और मदार का फूल) रखते हैं। बाबा पूरा नींबू चाटने के लिए कहते हैं और मदार का फूल खिलाते हैं। साथ ही मदार का फूल देते भी हैं। हालांकि यह सारी प्रक्रिया सिर्फ महिला के लिए होती है। पुरुषों को ऐसा कोई प्रसाद नहीं दिया जाता है।
शारदीय नवरात्र में जुटती है ज्यादा भीड़
बाबा मूल रूप से बुटीपाली गांव के ही रहने वाले हैं। वहीं जन्म हुआ और 5वीं तक पढ़ाई की। बाबा का कहना है कि इसके बाद पढ़ नहीं सका। पढ़ने में मन नहीं लगा। फिर देवी का चमत्कार हो गया। फिलहाल वह अपने घर मेंही दरबार लगाते हैं। हालांकि सबसे ज्यादा भीड़ शारदीय नवरात्रिमें इलाज कराने वालों की जुटती है। बाबा झाड़-फूंक करने के साथ ही प्रसाद से उपचार का दावा करते हैं।
दरबार में पहुंचे लोग बताते हैं कि बाबा के प्रसाद से फायदा हुआ सक्ती से आए राम लाल 60 साल के हैं। वह बताते हैं कि बच्चे की आस में आए हैं। राम लाल कहते हैं कि उनके पड़ोस के गांव छपोरा निवासी एक आदमी बाल-बच्चे नहीं थे। वह बाबा के पास आया था। अब उसकी पत्नी गर्भवती है। उसने बताया तो हम यहां पर पहली बार आए हैं।
सोन बाई महासमुंद जिले से ही आई थीं। उनकी उम्र करीब 50 साल हो गई, लेकिन कोई संतान नहीं है। कहती हैं कि शादी तो जब 15 साल की थी, तभी हो गई थी। एक परिचित थे, जिन्होंने यहां के बारे में बताया। ऐसे ही तमाम लोग बाबा के पास संतान पाने की इच्छा लेकर आते हैं। हालांकि बाबा का कहना है कि वह किसी को बार-बार नहीं बुलाते। जिसका मन है, वह फिर आता है।
अब देखिए भीड़ की तस्वीरें
प्रशासन ने बंद कराया बाबा का दरबार
बाबा के इस दरबार को लेकर अंध ‘श्रद्धा निर्मूलन समिति ने जिला प्रशासन से शिकायत की। आरोप लगाया कि बाबा संतान के नाम पर लोगों में भ्रम फैला रहा है। गुमराह कर अंध विश्वास को बढ़ावा दे रहा है। इसके बाद मंगलवार को प्रशासन की टीम गांव पहुंच गईड।
टीम में भंवरपुर नायब तहसीलदार अर्पणकुर, बीएमओ नारायण साहू के अलावा राजस्व, स्वास्थ्य और पुलिस के जवान थे। टीम ने बाबा पीतांबर जगत का बयान लिया। इस दौरान वहां बड़ी संख्या में लोग इलाज के लिए पहुंचे थे। उनके साथ ही गांव के लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं।
नायब तहसीलदार अर्पण कुरं ने बताया कि बाबा पीताम्बर जगत गांव में लंबे समय से निसंतान महिलाओं का झाड़-फूंक से इलाज कर रहा था। फिलहाल दरबार को बंद करा दिया गया है। अभी जांच होने तक किसी तरह का दरबार नहीं लगाया जाएगा। वहीं लोगों को अंध विश्वास में भरोस नहीं करने की बात समझाई जा रही है।