छत्तीसगढ में पिछले 10 साल में ब्रेस्ट कैंसर से 15 हजार 325 महिलाओं की मौत हो चुकी है। साल-दर-साल यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। हर दिन प्रदेश में 4 महिलाओं की जान जा रही है। आंकडों की बात करें तो 10 साल में 26.43% क की बढ़ोतरी के साथ मौत की संख्या 17 17 पर पहुंच गई है।
लोकसभा में केरल के वडकरा से सांसद शफी परम्बिल ने देश भर में ब्रेस्ट और गर्भाशय ग्रीवा (uterine cervix) से हुई मौतों पर सवाल पूछा था। इसके जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री प्रताप राव जाधव ने ICMR( Indian Council of Medical Research) के आंकडों को पेश किया था।
जानिए क्या होता है ब्रेस्ट कैंसर, और कैसे पहचानें
शरीर के किसी भी हिस्से में कंसर तब होता है, जब वहां की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। फिर ये इकड्ठा होकर ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। अगर समय पर इसका इलाज न हो तो यह ट्यूमर आसपास के हिस्सों में भी फैलने लगता है।
ब्रेस्ट कैंसर के लिए कई कारण जिम्मेदार हैं, जो ब्रेसट कैंसर के रिस्क को बढ़ाते हैं।
” कभी प्रेनेंसी और चाइल्ड बर्थ न होना
. पहली प्रेनेंसी 30 की उम्र के बाद होना
. हॉर्मोनल रिप्लेसमेंट थेरेपी
‘ तनाव-ग्रस्त जीवन
. गर्निरोधक गोलियां
‘ तंबाकू और अल्कोहल का अधिक सेवन
छत्तीसगढ़ में क्यों बढ़ रहा मौत का आंकड़ा…?
निरामया कैंसर फाउंडेशन की प्रमुख सुदेशना रुहान का कहना है कि छत्तीसगढ़ में भी लोगों की लाइफ स्टाइल बदल रही है। देर से शादियां, बच्चों को ब्रेस्ट फीडिंग न कराना महिलाओं में बढ़ रहा है। प्रदेश में महिलाओं की निर्भरता पुरुषों पर ज्यादा हैं।
सुदेशना बताती हैं कि, महिलाओं को दिककत होती भी है, तो वह इग्नोर करती हैं। इलाज का खर्च ज्यादा होने के कारण वह डॉक्टर के पास जाने से बचती हैं। ऐसे में उनकी दिक्कत बढ़ती जाती है। कुछ केस में जेनेटिक प्रॉब्लम भी बड़ा रोल निभाती है।
रायपुर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति अस्पताल में ओंकोलॉजी विभाग डॉक्टर बताते हैं कि प्रदेश में हर महीने सर्वाडकल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर के 3 से 5 हजार मरीज आते हं। इनमें से ज्यादातर महिलाएं बाकी एडवांस स्टेज में आती हैं। सरकार की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चल रहे हैं, लेकिन फिर भी महिलाओं में इसकी बहुत कमी है।
कैंसर उपचार की सुविधा अभी सिर्फ रायपुर में
सुदेशना रुहान कहती हैं, कि रायपुर जिले के अलावा प्रदेश में कहीं कैंसर का बेहतर इलाज नहीं हो पा रहा है। समग्र कैंसर चिकित्सा केवल रायपुर में नहीं, बल्कि प्रदेश के चार अलग-अलग जिलों में होनी चाहिए। इसके चलते लोगों को पूरेप्रदेश से रायपुर आना पड़ता है।
रायपुर में ही मरीज की रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी, ऑपरेशन जैसे चीजें होती हें। सुदेशना कहती हैं, महिला से उसका अस्पताल जितना दूर होगा, वहां तक जाकर इलाज कराने इच्छा शक्ति या परिस्थितियां विपरीत होती जाएंगी।
एक मरीज के लिए अस्पताल की दूरी मायने रखती है। आर्थिक, पारिवारिक और सामाजिक रूप में ये चीजें महत्वपूर्ण हैं। इसलिए प्रदेश के अलग-अलग सेंटर में कैंसर के इलाज की सुविधा होनी चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर से एक साल में 82429 मौतें
लोकसभा में बताए गए आंकडों के मुताबिक, साल 2023 में भारत में ब्रेसट कैंसर के कारण 82429 मौतें हुईं। सबसे अधिक ब्रेस्ट कंसर से उत्तर प्रदेश में 11451 महिलाओं की मौत हुई है। वहीं महाराष्ट् में 7265 और पश्चिम बंगाल में 6475 महिलाओं को स्तन कैंसर के चलते अपनी जान गंवानी पडी है। 2014 से 2023 तक 10 सालों में देश में 7 लाख 36 हजार 579 महिलाओं की जान गई।