रायपुर. छत्तीसगढ़ में बोर्ड कक्षाओं में पढ़ रहे लगभग 40 हजार बच्चों का भविष्य दांव पर है. 587 स्कूल ने अब तक एक भी बच्चों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. इसके अलावा 553 स्कूलों में किसी में 5 तो किसी में 10 बच्चों का पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) नहीं हुआ है
पंजीयन ना होने पर यह बच्चे बोर्ड परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे. इन स्कूलों को नोटिस जारी करने के बाद भी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
बच्चों को नहीं स्कूल प्रबंधन को देना होगा पेनाल्टी शुल्क
माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव पुष्पा साहू ने बताया कि प्रदेश में लगभग 7 हजार स्कूलों में 10वीं और 12वीं के विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. इनमें से CGBSE बोर्ड और CBSE बोर्ड के 1140 स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन में देर की है, जिनमें से 587 स्कूल ने अब तक एक भी बच्चों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. वहीं बाकी स्कूलों में किसी में 4 तो किसी में दस बच्चों का पंजीयन नहीं हुआ है. रजिस्ट्रेशन के लिए लगने वाला लेट फीस बच्चों के हिसाब से नहीं बल्कि प्रत्येक स्कूल प्रबंधन को देना होगा. इस शुल्क बच्चों को नहीं बल्कि स्कूलों को देना होगा. प्रतिदिन लेट के हिसाब से एक हजार रुपये तय किया गया है.
उन्होंने बताया कि, रजिस्ट्रेशन के लिए पहले 18 जून से लेकर 16 अगस्त तक आवेदन करने का समय दिया गया था. इस अवधि को बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक का समय बढ़ाया गया. शिक्षा मण्डल के पोर्टल के माध्यम से जानकारी स्कूलों तक पहुंचाई गई. इसके बाद मैसेज के माध्यम से स्कूलों को सूचित किया गया फिर स्कूलों को लेटर भी भेजा गया था. इसके बावजूद भी इन लापरवाह स्कूलों ने बच्चों का पंजियन (रजिस्ट्रेशन) नहीं कराया है. इन लापरवाह स्कूलों को लेट फीस के साथ एक और मौका दिया गया है. अब 6 अक्टूबर तक रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 31 अगस्त के बाद से प्रति दिन 1 हजार रुपये लेट फीस जमा करना होगा.
शिक्षा कार्य से जुड़े लोगों ने बताया कि बच्चों के पालकों से पूरे शिक्षा सत्र के तमाम फीस एक साथ ले ली जाती है, चाहे परीक्षा फीस हो या खेल कूद जैसे अन्य फीस. सभी तरह के फीस लेकर बैंकों में जमा कर दिया जाता है और उसका ब्याज स्कूल खाता है.