भिलाई में छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम ने गैंगस्टर अमित जोश को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. जिले के SSP जितेन्द्र शुक्ला का दावा है कि पुलिस ने उसे सरेंडर करने को कहा था लेकिन अमित जोश ने पुलिस पर ही कई राउंड फायरिंक की. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में वो मारा गया.
विष्णुदेव साय सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में पहला एनकाउंटर शुक्रवार को हुआ. यहां दुर्ग पुलिस ने गैंगस्टर अमित जोश को एनकाउंटर में ढेर कर दिया. उस पर 35 से ज्यादा गंभीर मामले दर्ज थे. अमित जोश हत्या के मामले में जेल की हवा भी खा चुका है. ये मुठभेड़ जयंती स्टेडियम के पास तब हुई जब पुलिस मुखबिर की सूचना पर उसे पकड़ने गई थी. तभी उसने पुलिस पर फायर खोल दिया. जिसके बाद जवाबी कार्रवाई में अमित जोश मारा गया . मामला भिलाई नगर थाना क्षेत्र का है.
बताया जा रहा है कि अमित जोश भिलाई के ही ग्लोब चौक पर इसी साल 25-26 जून को हुई फायरिंग का मुख्य आरोपी है. तब उसने दो लोगों पर जानलेवा हमला किया था. इसके बाद से ही वो करीब 4 महीने से फरार था.
पुलिस को दो दिन पहले ही खबर मिली कि अमित जोश भिलाई आया हुआ है.इसके बाद एसएसपी जितेन्द्र शुक्ल के निर्देश पर पुलिस ने टीम बनाई और अमित जोश की घेराबंदी की. बताया जा रहा है कि इस दौरान जयंती स्टेडियम के सामने बदमाश अमित जोश ने पुलिस जवानों को देखते ही उन पर फायरिंग कर दी. पहले तो पुलिस ने उसे फायरिंग नहीं करने की चेतावनी दी, लेकिन वह लगातार गोलियां बरसता रहा, जिसके बाद पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की. दावा किया जा रहा है कि फायरिंग के दौरान डीएसपी हेम प्रकाश नायक की गाड़ी में गोली लगी है.
एनकाउंटर के बाद दुर्ग एसएसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि पिछले दो दिनों से इनपुट आ रहे थे कि अमित जोश शहर में आया हुआ है.हमें सूचना मिली थी कि वो शहर में आया है और या तो वो सरेंडर कर सकता है या फिर उसकी अग्रिम बेल लग सकती है. इसी सूचना के आधार पर हमने उसे सर्च करना शुरू किया. शुक्रवार शाम को जयंती स्टेडियम के सामने उसने जैसे ही पुलिस को देखा तो बाइक से कूद कर भागने लगा. उसने भागते हुए पुलिस पर दो राउंड फायरिंग की. जवाब में पुलिस ने भी उसके पैर में गोली मारी. इसके बाद भी उसने पुलिस पर 5-6 राउंड फायरिंग की. जिसके बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वो मारा गया. एसएसपी के मुताबिक अमित जोश पर कुल 35 मामले दर्ज थे. जिसमें से 5-6 मामले धारा 307 के थे.