इस खबर को आप पढ़ना शुरू करें उससे पहले ऊपर दिए गए चित्र को एक बार फिर से देख लीजिए। चित्र में आलू, प्याज, टमाटर की जुलाई की कीमतें लिखी हैं। आप कहेंगे कि ये तो हमारे इलाके में मिल रही है कीमतों से बहुत कम है। तो हम आपको आंकड़ों के इस अंतर के बारे में पहले बता देते हैं।
ये कीमतें जुलाई महीने में देशभर में ये सब्जियां जिस दाम पर बिक रही हैं उसका औसत है। उपभोक्ता मंत्रालय के मुताबिक 16 जुलाई को देश में टमाटर सबसे महंगा जहां बिका वहां इसकी कीमत 127 रुपये किलो रही। इसी तरह जहां यह सबसे सस्ता है वहां ये 24 रुपये किलो बिका। पूरे देश का औसत लें तो 16 जुलाई को टमाटर औसतन 69.86 रुपये/किलो बिका। ऐसे ही जुलाई महीने की औसत कीमत लें तो यह 61.66 रुपये/किलो है। इसलिए आपको ऊपर के चित्र में जो आंकड़े दिख रहे हैं वो आपके इलाके में मिल रहे टमाटर की कीमत से अलग हो सकते हैं। ऐसे ही बाकी सब्जियों का हाल है। अब खबर पर आ जाते हैं। 🍅 🧅 🥔
सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। टमाटर के दाम कई राज्यों में शतक लगा चुके हैं तो प्याज भी कई जगह 80 के आंकड़े को छू रही है। आलू के दाम में भी एक महीने में दोगुने से ज्यादा का इजाफा हुआ है। दामों के इस इजाफे के चलते जून में थोक महंगाई दर 16 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
कीमतों में इस इजाफे के लिए मौसम को दोष दिया जा रहा है। मई में कीमतों में इजाफा शुरू हुआ तो कहा गया ज्यादा गर्मी के कारण फसल खराब हो रही इसलिए ऐसा महंगाई है। जून में कहा गया कि ज्यादा बरसात होने की वजह से फसल खराब हो रही इसलिए ऐसा हो रहा है।
ऐसे में सवाल उठता है कि हिन्दुस्तान में हर साल मई जून में मौसम कुछ इसी तरह का रहता है तो क्या हर साल मई-जून में आलू, प्याज 🥔 टमाटर 🍅 के दाम इसी तरह बढ़ते हैं? देश के कई हिस्सों में जनवरी-फरवरी में भीषण ठंड ❄️ भी पड़ती है उस वक्त कीमतें कैसी रहती हैं? बीते तीन साल में जनवरी से जुलाई के दौरान आलू, प्याज 🧅 टमाटर 🍅 की कीमतों के इजाफे का क्या ट्रेंड रहा है? इस दौरान मौसम कैसा रहा है? एक मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दाल 100 रुपये से कम में मिल रही है