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वायनाड में लैंडस्लाइड से अब तक 151 मौतें, 220 लापता: रेस्क्यू जारी; केरल के 8 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट,, केरल में दो दिन का शोक घोषित

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि वायनाड में 45 राहत शिविर बनाए गए हैं. इन शिविरों में 3600 लोगों को शिफ्ट किया गया है

केरल के वायनाड में हुए भूस्खलन (Wayanad landslide) से कम से कम 151 लोगों की मौत हुई है. 220 लोग घायल बताए जा रहे हैं और सैकड़ों लोगों के फंसे होने की आशंका है. राहत और बचाव अभियान जारी है. इस बीच केरल में वायनाड हादसे को लेकर दो दिन का शोक घोषित किया गया है.

केरल के वायनाड मेंदो जगह पर लैंडस्लाइड हुई है मुंडक्कई ( Mundakkai) और चूरलमाला (Chooralmala). पहले चूरलमाला में बचाव अभियान शुरू किया गया. वहीं मुंडक्कई को जोड़ने वाला पुल ढह जाने के कारण यहां बचावकर्मी नहीं पहुंच पाए थे. यहां सेना ने बचाव अभियान शुरू किया. ये बचाव अभियान शुरू करने में करीब 15 घंटे लग गए. मुंडक्कई में एक अस्थाई पुल बनाने की कोशिश की जा रही है.इस त्रासदी पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन नेकहा,

वायनाड में आई ये दिल दहला देने वाली आपदा है. यहां भारी बारिश हुई. इसके कारण हुए भूस्खलन ने एक पूरा इलाका तबाह कर दिया है, इलाके में एक नदी दो दिशाओं में बंट गई. जान- माल को भारी नुकसान हुआ है. कई लोग अभी भी फंसे हो सकते हैं. हम बचाव अभियान जारी रखने के लिए हर संभव तरीका अपनाएंगे.”

CM पिनाराई विजयन ने बताया कि पीएम मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और गृह मंत्री अमित शाह ने हालात की जानकारी ली है. तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन और बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने भी फोन किया था. सभी ने केरल को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है.

वहीं भारतीय सेना ने एक बयान में कहा कि उन्होंने मेडिकल टीमों सहित 225 कर्मियों को तैनात किया है. वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर, एक Mi-17 और एक ALH (एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर) को भी बचाव अभियान में लगाया गया है

लैंडस्लाइड क्‍या है?

लैंडस्लाइड एक प्राकृतिक आपदा या फिर ये कहिए – भूवैज्ञानिक घटना है, जो धरातली हलचल के कारण होती है। पहाड़ी क्षेत्रों से ढलानों, चट्टानों की मिट्टी, चट्टान और कीचड़ -मलबा का अचानक तेज बहाव आता है या नीचे गिरते व खिसकते हैं तो इसे लैंडस्लाइड कहा जाता है। ये घटनाएं आमतौर पर भारी बारिश, बाढ़, भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या फिर मानवीय गतिविधियों के कारण होती है। देश में हर साल लैंडस्लाइड की 20-30 बड़ी घटनाएं दर्ज की जाती हैं

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