साल 2019 में दिवालिया घोषित लैंको पावर प्लांट को अडानी ग्रुप टेकओवर कर रहा हैं. लैंको अमरकंटक के जनसंपर्क अधिकारी दुष्यंत तिवारी ने बताया कि “हैदराबाद स्थित एनसीएलटी हैदराबाद बेंच से यह आदेश हुआ है. अडानी को 4100 करोड़ रुपए जमा करने को कहा गया है. जिसके बाद लैंको का टेकओवर होगा.” लैंको के टेकओवर करने और 2 निर्माणाधीन यूनिट का काम पूरा होने से लगभग 5 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.कोरबा:
लैंको पावर प्लांट को जल्द ही अडानी ग्रुप टेकओवर करेगा. एनसीएलटी के आदेश के बाद से 4100 करोड़ रुपए में डील फाइनल हुई है. हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में 2 महीने का समय लगेगा. लैंको अमरकंटक की क्षमता फिलहाल 600 मेगावाट है.लंबे समय से लैंको अमरकंटक पावर प्लांट वित्तीय संकट से जूझ रहा है. इसके कारण ही 660×2 मेगावाट की दो इकाइयां निर्माणाधीन अवस्था में हैं. जिनका 60 से 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है. अडानी समूह द्वारा अधिग्रहण किए जाने के बाद अधूरे इकाइयों के भी जल्द पूरा होने की उम्मीद है. यदि ऐसा हुआ तो लैंको छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा पावर प्लांट बनेगा. इससे देश और प्रदेश को अतिरिक्त बिजली मिलेगी. साथ ही साथ रोजगार के भी नए अवसर पैदा होंगे.
2019 में लैंको को किया गया था दिवालिया घोषित : बैंक लोन के एनपीए होने से पहले सितंबर 2019 में एनसीएलटी में वाद दायर किया गया था. इसमें लैंको प्रबंधन ने कर्ज चुकाने से हाथ खड़े कर दिए थे. इस पर एनसीएलटी ने लैंको को दिवालिया घोषित कर दिया था. इस तरह से अडानी ने एनसीएलटी के जरिए बोली लगाकर पावर प्लांट का अधिग्रहण कर लिया है. इसे खरीदने रिलायंस पावर ने भी प्रयास किया था. तकनीकी स्टाफ को छोड़ मेनेजमेंट स्तर के सभी काम अब अडानी समूह द्वारा टेकओवर किया जाएगा
बनेगा दूसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादक संयंत्र : इसके साथ ही अडानी, एनटीपीसी के बाद छत्तीसगढ़ में दूसरा सबसे बड़ा बिजली उत्पादक समूह बनेगा. इसके साथ ही अडानी की छत्तीसगढ़ में यह तीसरी बिजनेस प्रापर्टी होगी. इससे पहले अडानी समूह ने तिल्दा स्थित जीएमआर पावर प्लांट का टेकओवर किया था.
वर्तमान में लैंको अमरकंटक पावर प्लांट से 300×2 मेगावाट की दो इकाइयां संचालित हैं. लेकिन इन्हें फुल लोड पर नहीं चलाया जाता. मांग के अनुसार ही सीमित क्षमता पर उत्पादन किया जाता है.
फिलहाल हरियाणा और मध्य प्रदेश के साथ है MOU :वर्तमान में लैंको में 600 मेगावाट की क्षमता से जितनी भी बिजली का उत्पादन होता है. यह मध्य प्रदेश और हरियाणा को भेजा जाता है. फिलहाल लैंको पावर प्लांट का दो राज्यों की सरकारों से एमओयू है. आने वाले समय में अधूरी इकाइयों के पूरा होने के बाद बिजली उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा. तब यह पूरी तरह से पावर प्लांट प्रबंधन पर निर्भर होगा कि वह इस बिजली को कहां बेचना चाहती है. अधूरे इकाइयों के निर्माण को पूरा करने में कम से कम 2 साल का समय और लगेगा.
लगभग 5000 नए रोजगार मिलेंगे : लैंको से फुल फ्लैश उत्पादन और अधूरी इकाइयों के पूरा होने के बाद रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. स्थानीय और तकनीकी कर्मचारियों, अधिकारियों को मिलाकर कम से कम 5000 लोगों को काम पर रखना होगा. मजदूर से लेकर ठेका कंपनी और अधिकारियों की जरूरत कंपनी को पड़ेगी. जो बेरोजगारी से जूझ रहे युवाओं और अनुभवी कर्मचारियों के लिए भी एक अच्छी खबर है.
2 महीने का लगेगा समय : इस संबंध में लैंको अमरकंटक के जनसंपर्क अधिकारी दुष्यंत तिवारी ने बताया कि “हैदराबाद स्थित एनसीएलटी हैदराबाद बेंच से यह आदेश हुआ है. लैंको का अधिग्रहण अडानी समूह द्वारा किया जाएगा, जिन्हें 4100 करोड़ रुपए जमा करने को कहा गया है. जिसके बाद ही लैंको को टेकओवर होगा. इसमें फिलहाल 2 महीने का समय लगेगा. 2019 से ही मामला एनसीएलटी में चल रहा था. जिसका निर्णय अब आया है.”