सुगम ऐप:-इस एप से संपत्ति की वास्तविक संरचना के संबंध में जानकारी मिल सकेगी, जिससे भवन, सड़क, फैक्टरी आदि संरचनाओं को छिपाया नहीं जा सकेगा. ऐसे में सरकार को होने वाले राजस्व नुकसान को रोका जा सकेगा.
छत्तीसगढ़ में रजिस्ट्री प्रकिया (Property Registration) को अधिक पारदर्शी, सरल और जनहितैषी बनाया जा रहा है. अब संपत्ति की वास्तविक भौगोलिक स्थिति रजिस्ट्री पेपर में स्थायी रूप से अंकित हो रही है. ये सब हो रहा है सुगम एप (Sugam App) से, इसे लागू किये जाने के बाद से राज्य में 1200 से अधिक रजिस्ट्री (Registry) हो चुकी हैं. छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) द्वारा जनता को ज्यादा से ज्यादा सहूलियतें देने तथा उन्हें लाभान्वित करने के लिए कई सुधार कार्य किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में रजिस्ट्री प्रक्रिया को पारदर्शी और जनता के लिए अधिक सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से ‘सुगम एप’ को हाल ही में 21 अक्टूबर से लागू किया गया है.
एक सम्पत्ति कई लोगों को बेच दी जाती है. जिस जमीन का रजिस्ट्री किया जाता है, वह जमीन वास्तव में अस्तित्व में नहीं होती. ऐसी घटनाएं भी सामने आती रहती हैं कि रोड, रास्ता, उद्यान आदि की जमीन बेच दी गयी है. मौके में जितनी जमीन उपलब्ध है, उससे अधिक रकबा बेच दिये जाने की घटनाएं भी होती रहती है. ऐसी घटनाओं से आपसी लड़ाई-झगड़े तथा कोर्ट-कचहरी के मुकदमेबाजी के मामले बढ़ते हैं.
धोखाधड़ी से बचने के लिए करें इसका इस्तेमाल’
संपत्ति पंजीकरण से संबंधित शिकायतें अक्सर सामने आती हैं, जिसमें लोग कई तरह से धोखाधड़ी का शिकार होते हैं. ऐसी खबरें हैं कि एक ही संपत्ति को अलग-अलग लोगों को बेच दिया गया और कुछ मामलों में ऐसी संपत्तियों की रजिस्ट्री कर दी गई जो वास्तव में मौजूद ही नहीं हैं. ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जहां सड़क, रास्ते या बगीचों के लिए निर्धारित जमीन को धोखाधड़ी से बेच दिया गया. कुछ मामलों में, जितनी जमीन भौतिक रूप से उपलब्ध है, उससे अधिक जमीन बेच दी जाती है. ये घटनाएं विवादों को बढ़ावा देती हैं और अदालती मामलों को बढ़ाती हैं.
ऐप ऐसे करता है काम
सुगम ऐप के तहत, पंजीकरण की प्रक्रिया के दौरान, संबंधित पक्ष सौदे के तहत संपत्ति पर जाएगा और ऐप में बताए अनुसार तीन अलग-अलग कोणों से उसकी तस्वीरें क्लिक करेगा. तस्वीरें संपत्ति के अक्षांश और देशांतर को पंजीकृत करने के लिए रजिस्ट्रार के मॉड्यूल में स्वचालित रूप से स्थानांतरित हो जाएंगी. अधिकारी ने कहा कि इस तरह, संपत्ति की वास्तविक भौगोलिक स्थिति स्थायी रूप से रजिस्ट्री पेपर में दर्ज हो जाएगी, ताकि पक्ष कभी भी उस संपत्ति पर जाकर उसकी पहचान कर सके. ऐप सरकार को होने वाले राजस्व नुकसान को रोकने में भी मदद करेगा. उन्होंने कहा कि ऐप के माध्यम से संपत्ति की वास्तविक संरचना का पता चल जाएगा, जिससे सरकार को होने वाली राजस्व हानि पर अंकुश लगेगा
क्या है प्रोसेस?
सुगम ऐप के जरिए कोई भी व्यक्ति मोबाइल से अपनी जमीन की रजिस्ट्री कर सकेगा. इसके लिए साइट के तीन साइड से फोटो, अक्षांश-देशांतर की जानकारी और अन्य जरूरी दस्तावेज अपलोड करने होंगे. इसके बाद 15 दिनों के अंदर पंजीयन अधिकारी मौके पर जाकर सत्यापन करेंगे. इस प्रक्रिया में बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी और आम लोगों को दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. वहीं, पेमेंट नेट बैंकिंग और पीओएस के जरिए होगा.
रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन अप्वॉइमेंट लेना पड़ेगा. इसमें पक्षकारों और गवाहों को भी दफ्तर आने की आवश्यकता नहीं होगी. इसके लिए पक्षकार और गवाहों के नाम संपत्ति विवरण वगैरह दर्ज किया जाएगा. इसके बाद बेची गई संपत्ति की तीन दिशाओं से फोटो, जमीन मालिक और पक्षकार के साथ अंक्षाश और देशांतर भोगोलिक स्थिति को रजिस्ट्री सॉफ्टवेयर में अपलोड करना होगा.