CG TAHALKA

Trend

छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा दवा खरीदी और उपकरण खरीदी में अनियमितता का केस स्वास्थ्य मंत्री बोले-जांच होगी

Chhattisgarh Monsoon Session 2024: छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसूत्र सत्र के दौरान दवा खरीदी और उपकरण खरीदी में अनियमितता का मामला गूजा। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यानाकर्षण के जरिए दवा खरीदी और उपकरण खरीदी का मुद्दा उठाया।
धरमलाल कौशिक ने सदन में कहा कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। क्या इसकी जांच कराई जाएगी? जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि तीन आईएएस अधिकारियों की कमेटी जांच कर रही है। तीन महीने के भीतर जांच कराई जाएगी।

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कारपोरेशन लिमिटेड की दवा और उपकरण खरीदी मामले की जांच तीन आईएएस अधिकारियों की समिति से कराई जा रही है। तीन माह के भीतर जांच पूरी हो जाएगी। पिछली सरकार में दवा और उपकरण खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। साय सरकार आने के बाद इन मामलों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई है। जांच फैली हुई है, इसलिए समय लगेगा। विधानसभा में उठे सवालों पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सीजीएमएससी ने दवाइयों के समेत खरीदी खुली निविदा के माध्यम से की है। यह सच है कि महालेखाकार की ऑडिट में आपत्ति उठाई गई है, जो कार्यालयीन कामों की समीक्षा करने की प्रक्रिया है। समय-समय पर मिलने वाली ऑडिट आपत्तियों पर कार्यालय की ओर से स्पषट जानकारी बनाकर महालेखाकार को अवगत कर निराकरण किया जाता ह

सीएजी की ऑडिट सतत चलने वाली प्रक्रिया है। अब तक 25 शिकायतें मिली हैं, जिसमें से 15 का निराकरण किया जा चुका कॉरपोरेशन की दरों की तुलना कर खरीदी का दर तय किया है। दस शिकायतें अभी प्रोसेस में हैं। दूसरे राज्यों के गई है। स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर, एनएचएम की ओर से जाता है। पिछले तीन सालों में बिना डिमांड के खरीदी नहीं की डिमांड भेजा जाता है। इस डिमांड के आधार पर खरीदी होती है। मंत्री ने बताया कि हमर लैब में लगने वाले एनालाइजर और
पुराने नहीं हुए है। रिएजेंट की खरीदी डिमांड आने के बाद ही की गई है। रिएजेंट राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिएजेंट के खराब होने का की सप्लाई की गई है। ऑटो एनालाइजर मशीन की खरीदी कई गुना दर पर खरीदी का आरोप भी सही नहीं है। खुली निविदा आरोप सत्य नहीं है। स्वास्थ्य केंद्रों की मांग के बाद ही रिएजेंट सवाल जहां जरूरत भी नहीं थी, वहां पर डिमांड भेजी गई है।
कर एल वन प्राप्त होने के बाद ही खरीदी की गई है। एक
जाती है, ऐसे प्रकरणों की ईओडब्ल्यू जांच पर मंत्री ने कहा कि सप्लायर डिमांड क्रिएट कराते हैं, उसके बाद डिमांड भेजी तीन आईएएस अधिकारियों की टीम इस प्रकरण की जांच कर रही है। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यानाकर्षण के जरिए मामला उठाया था। विधायक अमर अग्रवाल ने भी दवा व उपकरण खरीदी पर सवाल उठाए।

Share This News

WhatsApp
Facebook
Twitter

Recent Post

You cannot copy content of this page