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CG कोयला घोटाला:: रानू साहू को SC से जमानत: बेल के बाद भी जेल में रहेंगी; छत्तीसगढ कोल स्कैम में एक साल से है बंद

रायपुर। कोल लेवी वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट से नियमित जमानत मिल गई है, मगर इसी मामले में EOW द्वारा दर्ज प्रकरण के चलते रानू साहू को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। रानू के अलावा कारोबारी सुनील अग्रवाल और दीपेश टांक को भी सुप्रीम कोर्ट से नियमित जमानत मिल गई है।दरअसल आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EWO) में इसी वर्ष जनवरी के महीने में रानू साहू के खिलाफ चल रहे मामलों को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का जुर्म दर्ज किया गया है और इस मामले में अभी तक उन्हें जमानत नहीं मिली है। इस वजह से उन्हें अभी जेल में ही रहना पड़ेगा।

निलंबित IAS पर आपराधिक साजिश का आरोप

EOW ने अपनी FIR में बताया है कि रानू साहू जुलाई 2021 से जुलाई 2022 तक कलेक्टर कोरबा के रूप में पदस्थ रहीं। उन्होंने लोक सेवक के रूप में कार्य करते हुए ये संपत्तियां अर्जित की। रानू साहू ने सूर्यकांत तिवारी और उसके सिंडिकेट के सदस्यों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची कोयला ट्रांसपो्टरों से डीओ और टीपी परमिट जारी किए जाने के लिए 25 रुपए प्रति टन की अवैध वसूली में सक्रिय सहयोग दिया। रानू साहू जहां भी पदस्थ रहीं हैं, वहां पर किसी न किसी माध्यम से भ्र्टाचार कर खुद को आर्थिक रूप से समृद्ध करती रहीं है। रानू साहू को अपनी सर्विस जॉइन करने के बाद से 31.10.2022 तक की स्थिति में वेतन के रूप में लगभग 92 लाख रुपए प्राप्त होने की जानकारी है।

3 करोड़ 93 लाख 91 हजार के निवेश की जानकारी

जबकि अब तक उनके द्वारा लगभग 3 करोड़ 93 लाख 91 हजार 949 रुपए निवेश अचल संपत्ति में करने की जानकारी मिली है। इसके अलावा रानू साहू ने अचल संपत्ति, बीमा, शेयर, एसआईपी, में भी निवेश किया है।

चंद्राकर की जमानत अर्जी खारिज
उधर कस्टम मिंलिंग प्रोत्साहन घोटाले में जेल में बंद राइस मिलर रोशन चंद्राकर को विशेष अदालत से जमानत नहीं मिली। उनके अधिवक्ता ने बताया कि आज अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर

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