नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जज के रूप में नियुक्ति के लिए दो वरिष्ठ अधिवक्ताओं के नामों की सिफारिश की है। जिसमें कॉलेजियम ने अधिवक्ता बिभू दत्ता गुरु और अमितेंद्र किशोर प्रसाद (ए.के. प्रसाद) का नाम शामिल किया है। इस सिफारिश की प्रक्रिया की अध्यक्षता चीफ जस्टिस डी. वाई चंद्रचूड़ ने की, और इसमें जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बी. आर. गवई भी शामिल थे
बता दें कि इसे पहले बीते 21 फरवरी को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने अपने दो वरिष्ठतम सहयोगियों के साथ सलाह-मशविरा करने के बाद इन अधिवक्ताओं के नाम की सिफारिश कॉलेजियम से की थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने इस सिफारिश पर सहमति जताई है।
संसदीय प्रक्रिया के अनुसार, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मामलों से अवगत सुप्रीम कोर्ट के एक जज के विचार मांगे गए थे, लेकिन एकमात्र सलाहकार जज ने अपनी राय देने से इनकार कर दिया, क्योंकि सिफारिश की गई सूची में एक नाम उनके रिश्तेदार का था। इसके बाद उम्मीदवारों की योग्यता और उपयुक्तता का आकलन करने के लिए रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री की समीक्षा की गई। न्याय विभाग की ओर से प्राप्त टिप्पणियों और उम्मीदवारों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों पर भी गौर किया गया। जिसके बाद अधिवक्ता बिभू दत्ता गुरु और अमितेंद्र किशोर प्रसाद (ए.के. प्रसाद) के नाम पर सहमति बनी.
बिभू दत्ता गुरु
न्याय विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अधिवक्ता बिभू दत्ता गुरु की ईमानदारी के खिलाफ कुछ भी प्रतिकूल नहीं पाया गया है। उन्होंने उच्च न्यायालय में कई मामलों में प्रतिनिधित्व किया है, जिनका विवरण 54 रिपोर्टेड जजमेंट्स में है। उनकी उम्र और बार में ख्याति को ध्यान में रखते हुए, कॉलेजियम ने उन्हें हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने के लिए उपयुक्त माना है।
अमितेंद्र किशोर प्रसाद (ए.के. प्रसाद)
न्याय विभाग की रिपोर्ट के अनुसार अधिवक्ता अमितेंद्र किशोर प्रसाद की व्यक्तिगत और पेशेवर छवि अच्छी है और उनकी ईमानदारी के खिलाफ कुछ भी प्रतिकूल नहीं पाया गया है। उनके पास व्यापक प्रैक्टिस है, जिसका विवरण 110 रिपोर्टेड जजमेंट्स में मिलता है। उनकी उम्र और बार में ख्याति को ध्यान में रखते हुए, कॉलेजियम ने उन्हें हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने के लिए उपयुक्त माना है।
कॉलेजियम ने अधिवक्ता बिभू दत्ता गुरु और अमितेंद्र किशोर प्रसाद की व्यक्तिगत और पेशेवर छवि को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति की सिफारिश की है, उनकी आपसी वरिष्ठता मौजूदा प्रथा के अनुसार तय की जाएगी।