छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जहां गुजरात के री-इन्वेस्ट समिट 2024 में राज्य को रिप्रेजेंट कर रहे हैं। वहीं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल राज्य के सभी सभी जिलों के सीएमएचओ के काम की समीक्षा कर रहे हैं।
इसके लिए उन्होंने अपने शंकर नगर स्थित निवास कार्यालय में राज्य के सभी सीएमएचओ, सीएस, नोडल अधिकारी और डीपीएम के साथ समीक्षा बैठक की। यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सभी जिलों के सीएमएचओ को एक महीने के भीतर अपने जिले में संचालित निजी पैथोलॉजी सेंटर की लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया है।
डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस की शिकायतें
बैठक में समीक्षा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को प्राइवेट प्रेक्टिस करने की शिकायतों को लेकर हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों को नियमानुसार भत्ता भी दिया जा रहा है। इसके बाद भी डॉक्टर्स नियम के खिलाफ काम करेंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश देते हुए अब सरकारी अस्पतालों से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करने के लिए ठोस कारण बताना होगा। इसके बाद भी जरूरत पड़ने पर मरीज को रेफर करने के कारणों का रिव्यू भी किया जाएगा। साथ ही पता लगाया जाएगा कि आखिर किन परिस्थितियों में अस्पताल ने मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर किया।
मंत्री का अधिकारियों को निर्देश
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि राज्य में जो पैथोलॉजी लैब अनियमित रूप से काम कर रहे हैं, उन सभी लैब की एक साल के अंदर नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी की जाए। वहीं अगर इन पैथोलैब के पास वैध दस्तावेज नहीं हैं, तो ऐसी स्थिति राज्य सरकार की तरफ से इन लैब को आयुष विश्वविद्यालय से डिप्लोमा का कोर्स करने का मौका दिया जाएगा। इससे ये सभी लैब एक साल के अंदर नियमित हो जाएंगे। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने सभी सरकारी अस्पतालों में स्थित पैथोलॉजी लैब को और बेहतर करने के निर्देश दिया है। इससे मरीजों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल पाएगा