भारत सरकार राधाकृष्णन समिति की सिफारिशों के आधार पर बिना किसी गड़बड़ी और एरर लेस प्रवेश परीक्षाओं के लिए सुधार लागू करने जा रही है. शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य सरकारों से नए सुधारों का समर्थन करने का आग्रह किया है, जनवरी में प्रवेश परीक्षाओं में सुधार शुरू किए जाएंगे.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने हाल ही में नेशनल एंट्रेंस एग्जाम में गड़बड़ियों को कम करने के उद्देश्य से आगामी सुधारों की घोषणा की है, जो जनवरी में लागू होने वाले हैं. इस पहल के केंद्र में राधाकृष्णन समिति की सिफारिशें हैं, जिसे परीक्षा की अखंडता के बारे में चिंताएं उठने के बाद राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की प्रक्रियाओं और सुरक्षा की समीक्षा करने के लिए स्थापित किया गया था.
पूर्व ISRO प्रमुख के नेतृत्व वाले पैनल ने तैयार की रिपोर्ट
पूर्व ISRO प्रमुख के. राधाकृष्णन के नेतृत्व वाले पैनल ने परीक्षा संचालन को सुव्यवस्थित और सुरक्षित करने के लिए कई बदलावों का प्रस्ताव करते हुए एक रिपोर्ट पेश की है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इन सुधारों को लागू करने में राज्य सरकार के सहयोग के महत्व पर जोर दिया, खासतौर से एंट्रेंस एग्जाम की अखंडता को बढ़ाने के लिए राज्य शिक्षा विभागों से समर्थन का आग्रह किया.
जनवरी से शुरू होंगी प्रवेश परीक्षाएं
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार मंत्री ने कहा, “राधाकृष्णन समिति ने अपनी सिफारिशें दी हैं और इसे लागू करने के लिए राज्यों का सहयोग की जरूरत है. मैंने इस मामले में सभी से अपील की है, खासकर प्रवेश परीक्षाओं के संबंध में. मैंने सभी राज्य सरकार के शिक्षा सचिवों से अपील की है. आगामी वर्ष के लिए एक नई प्रवेश परीक्षाएं जनवरी में शुरू होंगी. पिछले साल के अनुभवों के आधार पर, सरकार ने कई सुधार पेश किए हैं.”
बता दें कि राधाकृष्णन पैनल का गठन NEET और NET में कथित अनियमितताओं के बाद किया गया था, जिसमें कथित पेपर लीक के मामले भी शामिल थे. सुरक्षा से समझौता करने की चिंताओं के कारण पिछली UGC-NET की परीक्षा को रद्द कर दिया गया था, और CSIR-UGC NET और NEET PG जैसी परीक्षाओं को भी निवारक उपायों के रूप में स्थगित कर दिया गया था. सरकार को उम्मीद है कि ये सुधार आगे चलकर अधिक विश्वसनीय और त्रुटि-मुक्त परीक्षा प्रक्रिया सुनिश्चित करेंगे.