छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी कार्यालयों में आगामी 27 सितंबर को कामकाज ठप रहेगा, क्योंकि शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस दिन अवकाश लेकर कलम बंद, काम बंद, और तालाबंद हड़ताल का ऐलान किया है।
इस फैसले से सरकारी कार्यालयों से जुड़े कामकाज के प्रभावित होने की आशंका है, इसलिए जनता को सलाह दी जा रही है कि अपने आवश्यक कार्य 27 तारीख से पहले निपटा लें।
हड़ताल का कारण और कर्मचारी संगठन की मांगें कर्मचारी संगठन का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चुनाव के दौरान की गई गारंटी पूरी नहीं हुई है, जिससे नाराज होकर यह कदम उठाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के पदाधिकारियों ने इस आंदोलन की तैयारी शनिवार को पूरी कर ली। फेडरेशन के दुर्ग संभाग प्रभारी राजेश चटर्जी, जिला संयोजक विजय लहरे और प्रवक्ता अनुरूप साहू ने बताया कि कर्मचारियों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र सरकार के समान महंगाई भत्ता (डीए) दिया जाए। -वर्ष 2019 से लंबित डीए की राशि को कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित किया जाए। -चार स्तरीय वेतनमान लागू किया जाए। -अवकाश नगदीकरण की सीमा 240 दिनों से बढ़ाकर 300 दिन की जाए। प्रदर्शन की योजना हड़ताल के तहत प्रदेशभर के अधिकारी और कर्मचारी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने कर्मचारियों से अपील की है कि 27 सितंबर को एक दिन का अवकाश लेकर सुबह 11 बजे हिंदी भवन के सामने सामूहिक प्रदर्शन में भाग लें।