रायपुर. एक तरफ सरकार के खजाने की हालत खस्ता है तो दूसरी तरफ अपनों की झोली भरने के लिए फिजूलीखर्ची कर उसे किसी आयोजन का नाम दे देती है।
पिछले दो साल में सरकार ने समाज कल्याण के नाम पर 11 करोड़ का टेंट लगा दिया। और आयोजन भी कौन से, या तो नशामुक्ति या दिव्यांगों को ट्राइसिकिल बांटने का। ऐसे आयोजन में न तो भीड जुटती है और न ही पैसा लगता है। इतना आयोजन तो कलेक्टर के ऑर्डर पर ही हो जाता है, लेकिन सरकार ने दो साल में खूब खर्चा किया।
इसमें समाज का कल्याण कितना हुआ ये तो अलग बात है, लेकिन इतना जरूर दिखाई दिया कि एक टेंट हाउस का कल्याण हो गया। ये पूरा मामला समाज कल्याण विभाग का है। समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत आता है।
बिना बजट खर्च कर दिए 11 करोड़
दो साल में समाज कल्याण के कार्यक्रमों में टेंट लगाने पर खर्च हुए 11 करोड़ रुपए सवाल तो पैदा करते हैं। प्रदेश में अलग से कोई समाज कल्याण विभाग भी नहीं है। महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत समाज कल्याण विभाग भी आता है। इसलिए इस विभाग का अलग से कोई बजट भी नहीं रखा गया, लेकिन बिना बजट के ही खूब पैसा खर्च हो गया। अब ये पैसा असलियत में खर्च हुआ या कागजों में यह अलग बात है।
इस पैसे का सबसे बड़ा हितग्राही तो एक टेंट हाउस रहा, जिसको 70 फीसदी से ज्यादा पैसा दे दिया गया। समाज कल्याण के ये कार्यक्रम साल 2022 और 2023 में प्रदेश के सभी 33 जिलों में हुए थे। इन पर विभाग ने 11 करोड़ 42 लाख 72 हजार 257 रुपए का टेंट,पंडाल और कुर्सियां लगाईं
एक टेंट हाउस को मिले 7 करोड़
एक कमाल की बात ये है कि सरकार ने दो साल में 11 करोड़ का टेंट लगाया, लेकिन उस पर कमाल की बात ये है कि एक टेंट हाउस को 7 करोड़ रुपए दिए गए। प्रदेश के ३3 जिलों में अलग-अलग कायक्रम हुए, जिसमें दर्जनों टेंट हाउस ने अपने पंडाल लगाए। लेकिन सबसे ज्यादा टेंट लगाया रायपुर के व्यापक इंटरप्राइजेज ने इन 11 करोड़ में से अकेले व्यापक इंटरप्राइजेज को 6 करोड़ 85 लाख 68हजार 645 रुपए का काम मिला। यानी इस टेंट हाउस से कांग्रेस सरकार का रिश्ता क्या कहलाता है, ये सवाल तो उठता है। आखिर सरकार व्यापक इटरप्राइजेज पर इतनी मेहरबान क्यों हुई।
इस तरह कमाए व्यापक टेंट हाउस ने पैसे
रायपुरः रायपुर में 19 आयोजनों में व्यापक इंटरप्राइजेज ने 4 करोड़ 14 लाख 63 हजार 244 रुपए कमाए। इनमें एक जगह 44 लाख 82 हजार 584 रुपए का टेंट लगाया गया। दूसरी जगह 53 लाख 96 हजार 5१ रुपए का पंडाल लगाया गया। एक जगह तो हद ही हो गईं। यहां पर 1 करोड़ 79 लाख 35 हजार 976 रुपए का टेंट लगाया गया।
बस्तर में समाज कल्याण विभाग के कार्यक्रम में व्यापक इंटरप्राइजेज ने ] करोड़ 40 लाख का पंडाल सजाया।
बिलासपुर में 81 लाख का टेंट लगाया गया।
दुर्ग में इसी टेंट हाउस ने 50 लाख का टेंट और कुर्सियां लगाई
जनता की कमाई पर डेंट, 11 करोड़ का टेंट
इस पूरे मामले में भ्रष्टाचार की शिकायतें भी सरकार के पास आती रही हैं हालांकि सरकार इससे इनकार करती रही है। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर सरकार जनता के टैक्स को तरह दूसरों को कैसे लुटा सकती है
अगर ये आयोजन किए भी गए हैंतो इतने महंगे टेंट क्यों लगाए गए। और एक ही टेंट हाउस को 70 फीसदी पैसा दे दिया गया। इतने महंगे तो बड़े घरों की शादियों में टेंट नहीं लगते जितना की समाज कल्याण विभाग ने अपने आयोजनों में लगा दिए। आखिर ये पैसा जिम्मेदारों से क्यों नहीं वसूलना चाहिए।