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सूरजपुर में दीवार गिरने से दादी-पोतियों की मौतः बारिश में जर्जर हो गया था मकान; PM आवास के लिए कईं बार किया था आवेदन

सूरजपुर:- सूरजपुर में मकान की कच्ची दीवार गिरने से दादी और उसकी 2 पोतियों की मौत हो गईं। बारिश के चलते मकान की दीवार कमजोर हो गई थी। बताया जा रहा है कि PM आवास के लिए कई बार आवेदन कर चुका था। इसके बाद भी सुनवाई नहीं हो रही थी।

हादसा जयनगर थाना क्षेत्र के फतेहपुर करतमा में हुआ है। स्थानीय निवासी सचिन दास के घर की दीवार शाम करीब 5 बजे अचानक गिर गईं। इस दौरान उसकी मां धनमतिया (53) अपनी दो ढाई साल की पोती बिजली (2.5) और ‘डेढ साल की सोहानी (1.5) के साथ दीवार के पास बैठी थी।

ग्रामीणों ने तीनों को निकाला, अस्पताल में मौत

मकान की दीवार गिरने से तीनों उसी के नीचेदब गए हादसे के समय सचिन दास काम पर गया था। ग्रामीणों को हादसे की सूचना मिली तो बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे। मिट्टी में दबी धनमतिया और दोनों बच्चों को कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला। उन्हें मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।

PM आवास नहीं मिला, कच्चे मकान में रह रहा था परिवार

ग्रामीणों ने बताया कि सचिन दास का परिवार वर्षों से कच्चा मकान बनाकर रह रहा है। कई बार PM आवास के लिए आवेदन कर चुका है, लेकिन न उसके माता के नाम से और न ही उसके नाम से घर मिला। ऐसे में आज बड़ा हादसा हो गया। हालांकि सरपंच का कहना है कि उसके कार्यकाल में आवेदन नहीं किया गया है।

अंदाजा नहीं था कि दीवार गिर जाएगी

सचिन दास इसी कच्चे घर में रहकर गुजर बसर कर रहा था। उसे अंदाजा नहीं था कि दीवार गिर जाएगी। मूसलाधार बारिश से दीवार गल गई थी। वहीं मामले में पंचायत के सरपंच रंगुराम ने बताया कि सचिन के लिए PM आवास की स्वीकृति नहीं हुई है। उनके कार्यकाल में नए आवेदन नहीं भरेगए हैं।

मॉर्चरी में रखेगए तीनों शव

घटना की सूचना पर जयनगर पुलिस भी मौके पर पहुंची। शवों को फिलहाल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के मॉर्युरी में रखवा दिया गया है। मंगलवार को शवों का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा और परिजनों को सौंपा जाएगा। वहीं पुलिस मामले की जांच कर रही है

जिम्मेदार कौन?

छत्तीसगढ़ में बारिश के मौसम मे हर साल मिट्टी की दीवार गिरने से कई लोगों की मृत्यु होती है,जिनमें अधिकतर बच्चे और वृद्ध होते है आखिर क्या कारण है कि PM आवास योजना लागू होने के बाद भी इन्हें पक्का मकान नहीं मिल पा रहा है?कहीं हितग्राही के चयन में धांधली और घूसखोरी तो नही चल रही??

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