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पूजा खेडकर अब IAS अफसर नहीं: उम्र, नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर.. पूजा खेडकर ने तो फर्जीवाड़े की हद कर दी, आगे किसी परीक्षा में भी नहीं बैठ पाएंगी

सिविल सर्विसेस में सिलेक्शन के लिए पहचान बदलने और विकलांगता सर्टिफिकेट में गड़बड़ी की आरोपी पूजा खेडकर अब ट्रेनी IAS नहीं रही हैं। 😱 UPSC ने पूजा का सिलेकशन कर दिया है। 2023 बैच की ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा रद्द खेडकर के खिलाफ UPSC ने पहचान बदलकर तय सीमा से ज्यादा बार सिविल सर्विसेस का एग्जाम देने के मामले में FIR दर्ज कराई थी। 👮‍♂️

UPSC ने पूजा को नोटिस जारी कर सिलेक्शन केंसिल करने को लेकर जवाब भी मांगा था। UPSC ने कहा था कि पूजा के खिलाफ जांच में पाया गया कि उन्होंने अपना नाम, माता-पिता का नाम, सिग्नेचर, फोटो, ईमेल ID, मोबाइल नंबर और एड्रेस बदलकर UPSC का एग्जाम दिया। 😱 दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पूजा के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी, आईटी एक्ट और डिसेबिलिटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। 👮‍♂️

विवाद के बाद पुणे से वाशिम ट्रांसफर हुआ था

पूजा पर ट्रेनिंग के दौरान पद का गलत इस्तेमाल करने और खराब आचरण करने का आरोप लगा था। सबसे पहले पुणे के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर सुहास दिवासे ने पूजा के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद उनका ट्रांसफर वाशिम कर दिया गया था।
इसके बाद ही पूजा पर पहचान छिपाने और OBC विकलांगता कोटे के दुरुपयोग करने का आरोप लगा। 16 जुलाई को पूजा की ट्रेनिंग रोक दी गई और उन्हें मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्र्ीय प्रशासनिक अकादमी (LBSNAA) वापस बुला लिया गया। हालांकि वे 23 जुलाई की डेडलाइन खत्म होने तक LBSNAA नहीं पहुंचीं।

कैसे विवादों में घिरीं पूजा खेडकर
पूजा खेडकर का नाम हाल ही में अचानक सुर्खियों में आ गया। उन्होंने UPSC परीक्षा में 82 1वीं रैंक हासिल की थी और प्रोबेशन पीरियड में थी। पूजा उस समय विवादों में घिर गई जब उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल लाल-नीली बत्ती और VIP नंबर प्लेट के साथ किया। उन पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी दिव्यांग सर्टिफिकेट और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण पत्र जमा करने समेत फर्जीवाड़े के कई आरोप भी लगे थे। इन विवादों के बीच, महाराष्ट्रसरकार ने पिछले हप्ते खेडकर का ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया था। इसी बीच, केंद्र सरकार ने सिविल सेवा में उम्मीदवारी हासिल करने के लिए पूजा खेडकर की ओर से जमा किए गए सभी दस्तावेजों की जांच के लिए एक समिति भी बनाई। अब यूपीएससी ने जांच के बाद पूजा मामले में और भी कई अनियमितता पाई। जिसके बाद एफआईआर दर्ज कराया गया और कारण बताओ नोटिस भी दिया गया है।

यूपीएससी ने क्या लिया एकशन
सघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 की कैंडिडेट पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। यूपीएससी ने अपनी जांच में पाया है कि खेडकर ने अपना नाम, अपने माता-पिता का नाम, अपनी तस्वीर, हस्ताक्षर, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और पता बदलकर फर्जी पहचान बनाई थी। इसके जरिए उन्होंने परीक्षा नियमों के तहत तय सीमा से ज्यादा बार परीक्षा दी। यूपीएससी ने उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया है। सिविल सेवा परीक्षा-2022 की उनकी उम्मीदवारी रहृ करने और भविष्य की परीक्षाओं/चयनों को रद्द कर दिया है

पूजा की अग्रिम जमानत पर कल फैसला सुना सकती है दिल्ली की अदालत वहीं दिल्ली की एक अदालत धोखाधड़ी और जालसाजी के एक मामले में पूजा की अग्रिम जमानत याचिका पर १ अगस्त को अपना फैसला सुना सकती है। एडिशनल सेशन जज देवेंद्र कुमार जंगाला ने बुधवार को खेडकर द्वारा दायर आवेदन पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया।
पूजा ने वकील के माध्यम से दावा किया था कि उन्हं गिरफ्तारी का खतरा है। UPSC की ओर से पेश हुए वकील ने आवेदन का विरोध करते हुए दावा किया कि उन्होंने सिस्टम को धोखा दिया है। पूजा ने कानून और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। उसके द्वारा कानून का दुरुपयोग करने की संभावना अभी भी बनी हुई है। वह एक साधन संपन्न व्यक्ति हैं।

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