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जामिया यूनिवर्सिटी में दीवाली समारोह में रंगोली पर पैर मारा, गिराए गए दीप, फिलिस्तीन जिंदाबाद के नारे लगाने का आरोप, दो गुटों में जमकर मारपीट

दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में दिवाली सेलिब्रेशन के दौरान दो गुटों में मारपीट का मामला सामने आया है. आरोप है कि कुछ छात्रों ने समारोह का विरोध किया और इस्लामी नारे लगाए गए. इसकी वजह से छात्र दो गुटों में बंट गए और उनके बीच मारपीट हुई. राष्ट्रीय कला मंच नामक सामाजिक संस्था की ओर से ज्योतिर्मय 2024 कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस दौरान संगीत, रंगोली प्रतियोगिता और दीये जलाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे. यूनिवर्सिटी में छात्र गुटों में मारपीट के बाद से तनाव बना हुआ है.

एबीवीपी ने लगाया मुस्लिम छात्रों पर आरोप

एबीवीपी का आरोप है कि कुछ छात्रों ने समारोह का विरोध किया और इस्लामी नारे लगाए गए. इसके बाद छात्र दो गुटों में छात्र बंट गए और मारपीट हुई है. ABVP का आरोप है कि कुछ छात्रों ने न सिर्फ दिये और रंगोली को खराब कर दिया, बल्कि कार्यक्रम में पहुंचकर शांति भंग करने के लिए ‘फिलिस्तीन जिंदाबाद, नारा-ए-तकबीर अल्लाहु-अकबर’ के नारे भी लगाए.

छात्रों के अनुसार एक समुदाय के लोग ‘जय श्री राम’ के नारे लगाकर भगवान राम के वनवास के बाद अयोध्या में आगमन को दिवाली के रूप में मनाने के लिए नारे लगा रहे थे, जिसके जवाब में दूसरे समुदाय ने ‘फिलिस्तीन जिंदाबाद’ और ‘अल्लाहु-अकबर’ के नारे लगाने शुरू कर दिए. देखते ही देखते नारेबाजी ने मारपीट का रूप ले लिया और कैंपस में अशांति देखी गई.

कार्यक्रम को भंग करने के लिए लगाए गए इस्लामी नारे’

इस कार्यक्रम को छात्रों के ग्रुप और राष्ट्रीय कला मंच ने साथ मिलकर आयोजिक किया था और कार्यक्रम का नाम ‘ज्योतिर्मय 2024’ रखा, जिसका उद्देश्य संगीत, रंगोली प्रतियोगिता और हजारों दीये जलाने के साथ सांस्कृतिक समागम करना था. आरोप है कि इस उत्सव का माहौल तब खराब हो गया जब मुस्लिम छात्रों ने समारोह का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया और इस्लामी नारे लगाए गए.

होली पर भी हुई था हंगामा

ऐसा पहली बार नहीं है जब जामिया मिलिया इस्लामिया में किसी त्योहार पर विवाद हुआ हो. मार्च 2023 में छात्रों ने कथित तौर पर जामिया परिसर में होली का त्योहार मनाया था, जिसे दावे के अनुसार कुछ लोगों की ओर से बाधित किया गया था.‘रंगोत्सव’ नामक इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के छात्रों की ओर से किया गया था और त्योहार को मनाने के लिए छात्र जुड़े थे, लेकिन कुछ छात्रों की ओर से उत्सव का विरोध करने के कारण अशांति देखी गई थी.

बता दें कि जामिया कैंपस में फिलिस्तीन के पक्ष में पहले भी आवाज उठती रही है. जानकारी के मुताबिक अक्टूबर 2023 में जामिया में कुछ छात्रों ने ‘हमास’ का समर्थन करने वाले बैज पहने थे. इस दौरान छात्रों ने #FreePalestine और #DownWithIsrael जैसे हैशटैग का इस्तेमाल भी किया था.

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