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मेरे दिमाग में गीता के श्लोक चल रहे थे- मनुः भाकर ने पेरिस में पदक जीतकर कहा- मैंने कर्म पर फोकस किया, फल की चिंता नहीं की

पेरिस ओलिंपिक में भारत को पहला मेडल दिलाने वाली मनु भाकर ने कहा कि प्रेशर सिचुएशन में भगवत गीता ने उनकी मदद की। मनु ने रविवार को विमेंस 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज जीता और ओलिंपिक में पिछले 12 साल से चले आ रहे शूटिंग के मेडल का सूख समाप्त किया। वे शूटिंग में ओलिंपिक मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। 🏆🥇

झज्जर की 22 साल की मनु महज एक अंक से सिल्वर चूक गईं। 221.7 अंक लेकर जब वे बाहर हुईं, तो सिल्वर जीतने वाली साउथ कोरिया की येजी किम (241.3 पॉइंट्स) से सिर्फ 0.1 अंक पीछे थीं। शॉर्ट के समय आपके दिमाग में
क्या चल रहा था..? इस सवाल के जवाब में मनु भाकर ने कहा- ‘मैंने बहुत गीता पढ़ी हैं, इसीलिए मेरे दिमांग में चल रहा था कि वो करो जो आप कर सकते हो और मैंने वही किया। बाकी सब भगवान पर छोड़ दिया था। हम भाग्य से नहीं लड़ सकते। आप परिणाम को कंट्रोल नहीं कर सकते।” गीता में भगवान कृष्ण ने भी अर्जुन से यही कहा है कि ‘कर्म करो, फल की चिंता मत करो।’ 🕉️🙏

टोकयो की निराशा से उबरने में बहुत समय लगा 💔

मनु भाकर ने कहा- ‘टोक्यो के बाद मैं बहुत निराश थी। मुझे इससे उबरने में बहुत समय लगा। आज बहुत खुश हूं कि मैं ब्रॉन्ज जीत सकी और हो सकता है कि अगली बार इसका रंग बेहतर हो। मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। भारत को 🥉 पदक का लंबे समय से इंतजार था। मुझे विश्वास ही नहीं हो रहा।’ टोक्यो ओलिंपिक-2021 के क्वालिफिकेशन में पिस्टल की खराब हो गई थी। उसके बाद उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था।

मनु की मुख्य बाते.

. ‘भारत कई और पदकों का हकदार है, जितने संभव हो सके। यह अहसास बहुत शानदार है। इसके लिए बहुत प्रयास करना पड़ता है।’

. ‘आखिरी शॉट मे मं अपनी पूरी ऊर्जा के साथ निशाना लगा रही थी। शायद मैं अगली स्पर्धाओं में बेहतर कर सकू। 🎯
. ‘सभी दोस्तो, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों का मेरे साथ डटे रहने के लिए धन्यवाद। उन्हीं की बदौलत मैं यहां खडी हूं। आप सभी ने मेरी जिंदगी को इतना आसान बना दिया। मैं अपने कोच जसपाल सर और मेरे कोचों का धन्यवाद देना चाहूंगी। 🏆❤️

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