कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या का विरोध छत्तीसगढ़ में भी हो रहा है. रायपुर एम्स में डॉक्टरों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान अस्पताल में इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखा गया. हालांकि अस्पताल ओपीडी सेवा बंद रही.
रायपुर: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 8 और 9 अगस्त की दरमियानी रात एक महिला ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई. इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल से लेकर पूरे देश में उबाल है. छत्तीसगढ़ में भी इस घटना को लेकर भी गुस्सा है. इस विरोध का असर छत्तीसगढ़ में भी लगातार देखने को मिल रहा है. शुक्रवार को रायपुर एम्स हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने कोलकाता की ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत का विरोध किया.
ओपीडी सेवा रही प्रदर्शन के दौरान बंद:
विरोध प्रदर्शन के दौरान रायपुर एम्स में ओपीडी सेवा बंद रही. हालांकि इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखा गया था. 14 अगस्त को रायपुर के मेकाहारा के जूनियर डॉक्टरों ने भी विरोध प्रदर्शन किया. जूनियर डॉक्टरों की ओर से किए गए हड़ताल से इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर ओपीडी की सेवाएं पूरी तरह से बाधित रही.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन मुख्यालय नई दिल्ली ने “शनिवार 17 अगस्त 2024 सुबह 6 बजे से रविवार 18 अगस्त 2024 सुबह 6 बजे तक 24 घंटे के लिए आपातकालीन सेवाओं और रोगी सेवाओं को छोड़कर सभी चिकित्सा सेवाओं को वापस लेने की घोषणा की है।
आईएमए बिलासपुर ने पत्रकारों से चर्चा कर मांगी सरकार से 5 सुविधाएं …
पश्चिम बंगाल के कोलकाता में मेडिकल रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए क्रूर अपराध एवं जघन्य हत्या को लेकर आई.एम.ए छत्तीसगढ़ एवं बिलासपुर जिले के तमाम चिकित्सको में भारी आक्रोश है।बिलासपुर प्रेस क्लब में शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए।इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ विनोद तिवारी,बिलासपुर अध्यक्ष डॉक्टर अखिलेश देवरस,प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर संदीप तिवारी,डॉक्टर प्रशांत द्विवेदी, डॉक्टर सौरभ लूथरा, डॉक्टर नितिन जुनेजा, डॉक्टर हेमंत चटर्जी,डॉक्टर प्रमोद तिवारी, और सीएमएचओ प्रभात श्रीवास्तव ने कहाकि हम समाज की सेवा करने के लिए सुरक्षित कार्यस्थलों के हकदार है और पहले अपने लिए भी समाज और नीति निर्माताओं से सुरक्षा की मांग करते हैं।
मुख्य मांगे…
1. घटना की त्वरित सीबीआई जांच हो और इस जघन्य अपराध के लिए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और पीडित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।
2. अस्पतालों को “सुरक्षित क्षेत्र” घोषित किया जाएगा।।
3. एनएमसी को मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में रेसिडेंट डॉक्टर्स के लिए सुरक्षित और मानवीय कार्य वातावरण के लिए दिशानिर्देश तैयार करना चाहिए।
4. एनएमसी को रेजिडेंट डॉक्टरों से संबंधित विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए एक समिति बनानी चाहिए जैसे मानसिक स्वास्थ्य, बर्न आउट, लंबे समय तक काम के घंटे, अत्यधिक फीस, मामूली वजीफा, बंधुआ नीतियां, खराब आवासीय स्थितियां आदि ।
5. आरत सरकार को मंहिकेयर पेशेवरों और चिकित्सा कर्मियों के खिलाफ हिंसा के लिए जल्द से जल्द सख्त केंद्रीय कानून बनाना चाहिए।