कांकेर जिले के धुर नक्सल प्रभावित आमाबेड़ा में तहसील दफ्तर में पदस्थ लिपिक और उसके सहयोगी को एसीबी की टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। लिपिक, पीड़ित से उसके भाई की मौत के मुआवजे की राशि जारी करवाने अपने सहयोगी की मदद से 25 हजार रुपए की रिश्वत ले रहा था।
जानकारी के मुताबिक पीड़ित अमर सिंह हुपेंडी ने एसीबी जगदलपुर में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसके चचेरे भाई राधेश्याम की मौत सांप काटने से हो गई थी। इसके एवज में उसे प्रशासन की तरफ से 4 लाख रुपए मुआवजा राशि मिलनी थी। प्रक्रिया को पूरी करवाने को लेकर तहसील दफ्तर के लिपिक पुरूषोतम गौतम ने 25 हजार की मांग की थी।
पीड़ित ने उसे 4 हजार रुपए पहले दे भी दिए थे, पीड़ित ने आरोपी को पकड़वाने उसे 4 हजार पहली किस्त दी थी, ताकि इसे भरोसा हो जाए कि उसे रिश्वत की पूरी रकम दी जाएगी। फिर पीड़ित ने एसीबी में शिकायत दर्ज करवाकर ट्रैप कर सबूत एसीबी के साथ दिए। जिसके बाद आज दोपहर रिश्वत की दूसरी किस्त 10 हजार देने लिपिक को बुलाया था।
आरोपी लिपिक के साथ उसका सहयोगी रेखचंद यादव भी मौजूद था जिसके माध्यम से डील हो रही थी। दोनों आरोपी पीड़ित से आमाबेड़ा और फूफगांव के बीच मिले और रकम लेकर निकल ही रहे थे कि एसीबी ने घेराबंदी कर उन्हें दबोच लिया। दोनों के पास से बरामद रकम और उनके हाथ धुलवाने पर केमिकल का रंग निकलने लगा। जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कार्यवाही की जा रही है।
एसीबी निरीक्षक आर के मरकाम ने बताया कि मुआवजा राशि की प्रक्रिया पूरी करने के बदले में रिश्वत की मांग करने की शिकायत मिली थी। जिस पर आज मौके पर पहुंचकर कार्यवाही की गई है। आरोपी और उसके सहयोगी को गिरफ्तार कर आगे की कार्यवाही की जा रही है।