कोरोना संक्रमण काल के दौर से लेकर आज तलक यात्री ट्रेनों का परिचालन पटरी पर नहीं आ पाया है। यात्री गाड़ियों को या तो रद किया जा रहा है या फिर रूट डायवर्ट कर चलाया जा रहा है। व्यवस्था अगर किसी चीज की नहीं बदली तो वह माल लदान का है। SECR ने दावा किया है कि कैेवल 203 दिनों में 100 मिलियन टन् माल ढुलाई करने की उपलब्धि हासिल की। और देखिए मंडल रेल प्रबंधक प्रवीण पाण्डेय ने इस उपलब्धि को रेल कर्मयोगियों को समर्पित किया है। सवाल यह उठ रहा कि यात्री कहा जाए। यात्री ट्रेनों के परिचालन के मुद्दे पर SECR की प्राथमिकता में छत्तीसगढ़वासौ हैं भी या नहीं??
बिलासपुर:-SECR की वाहवाही पढ़िए
आधिकारिक प्रेस नोट में कुछ इस तरह की बातें कही गई
है। डसमें यात्रियों के लिए किसी बात का कहीं पर भी जिक्र नहीं है। यात्रियों को रेलवे के अफसरों ने भगवान भरोसे छोड़ दिया है। माल ढुलाई को लेकर कुछ अंदाज में वाहवाही अफसर लुट रहे हैं। रेलवे यह दावा कर रहा है कि विपरीत परिस्थितियों में भी डटकर काम करते हुए सर्वाधिक लदान करने वाले मंडलों में से एक होने की ओर अग्रसर है। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 20 अक्टूबर 2024 को बिलासपुर मण्डल ने 100 मिलियन टन माल ढलाई के मील के पत्थर को हासिल किया है
वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 में 100 मिलियन टन माल ‘ढुलाई करने का यह कीर्तिमान बिलासपुर मंडल द्वारा सिर् 203 दिनों में पूरा किया गया। इसके पूर्व पिछले वित्तीय वर्ष में 100 मिलियन टन माल ढुलाई 225 दिनों में किया गया था। इस अवधि में लोड किए गए वस्तुओं में कोयला, क्लिंकर, लौह अयस्क, सीमेंट, स्टील, खाद्यान रासायनिक खाद, खनिज, तेल आदि है।
यात्री ट्रेनों को रोककर पास कराते हैं मालगाड़ी
लगातार चल रही मालगाड़ियों के चलते यात्री ट्रेनों को ट्रैक में जगह नहीं मिल पा रही है। मालगाड़ियों को गुजारने के लिए स्टेशन और आउटर में यात्री ट्रेनों को रोक दिया जाता है, जिसके चलते छत्तीसगढ़ की सीमा में प्रवेश करते ही गाड़ियां लेट होनी शुरू हो जाती है।
केक काटकर मनाया जश्र
मंडल सभाकक्ष में मण्डल रेल प्रबन्धक प्रवीण पाण्डेय की उपस्थिति में कर्मचारियों द्वारा केक काटकर प्रसन्नता व्यक्त की गई। मण्डल रेल प्रबन्धक प्रवीण पाण्डेय ने अपने सभी कर्मचारियो एवं अधिकारियों को इस उपलब्धि के लिए शुभकामनाएं दी एवं बेहतर कार्य के लिए प्रोत्साहित किया गया।
DRM की जुबानी
इस लक्ष्य के असली कर्मयोगी रेल कर्मचारी हैं जो दूरस्थ
कोयला के खदान क्षेत्रं में पदस्थापित हैं और लदान लक्ष्य
को पाने के लिए दिन-रात काम करते हैं। ऐसे कर्मचारियों
को उन्होंने याद किया जो अपने पारिवारिक जीवन को
छोडकर कर्म के मार्ग पर चल रहे हैं| सही मायने में वेही
रेल के कर्मयोगी एवं साधक है। बिलासपुर मंडल पावर
हाउस को कोल प्रदान करने वाला सबसे बड़ा मंडल है और यहां के कर्मयोगियों की वजह से ही जग सारा रोशन है।