बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में प्रदेश के नगरीय निकायों के वार्डों के परिसीमन पर रोक लगा दी है। 🚫 कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को तगड़ा झटका लगा है। 😱 प्रदेश के निकायों के परिसीमन के बाद दावा आपत्ति मंगाने का काम किया जा रहा था। इसआदेश के बाद पूरी प्रक्रिया पर रोक लग गई है। 🛑
राजनादगांव नगर निगम,कुम्हारी नगर पालिका व बेमेतरा नगर पंचायत में वाडों के परिसीमन को चुनौती दी गई थी। 😤 तीनों याचिकाओं की प्रकृति समान थी,लिहाजा हाई कोर्ट ने तीनों याचिकाओं को एकसाथ मर्ज करते हुए साथ-साथ सुनवाई प्रांभ की। ⚖️ याचिकाकर्ताओं का कहना है कि राज्य सरकार ने प्रदेशभर के निकायों के वार्ड परिसीमन के लिए जो आदेश जारी किया है उसमें वर्ष 2011 के जनगणन को आधार माना है। इसी आधार पर परिसीमन का कार्य करने कहा गया है। 📝 याचिकाकर्ताओं के नियमों के अनुसार अंतिम जनगणना को आधार माना गया है। राज्य अधिवक्ताओं का कहना था कि वार्डपरिसीमन के लिए बनाए गए जनगणना को आधार माना है। अधिवक्ताओं का कहना था कि राज्य सरकार ने इसके पहले वर्ष 2014 व 2019 में भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का कार्य किया है। जब आधार एक ही है तो इस बार क्यों परिसीमन का कार्य किया जा रहा है। 🧐
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं के तर्को से सहमति जताते हुए कोर्ट ने पूछा कि वर्तमान में वर्ष 2024 में फिर से परिसीमन क्यों किया जा रहा है। अब क्या जरुरत पड़ गई। कोर्ट ने यह भी पूछा कि जब वर्ष 2011 कीजनसंख्या को आधार मानकर वर्ष 2014 व 2019 में वार्डों का परिसीमन किया गया था। जनगणना का डेटा तो आया नहीं है,वर्ष 2011 के बाद जनगणना हुई नहीं है। तो फिर उसी जनगणना को आधार मानकर तीसरी मर्तबे परिसीमन कराने की जरुरत क्यों पड़ रही है। 🤔
मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। कोर्ट के सवालों का जवाब देते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसरोंने कहा कि परिसीमन मतदाता सूची के आधार पर नहीं जनगणना को ही आधार मानकर किया जा रहा है। परिसीमन से वार्डों का कषत्रव नक्शा बदल जाएगा। ला अफसरों के तर्कों से कोर्ट ने असमति जताई। कोर्ट ने ला अफसरों से पूछा कि वर्ष 201 1 की जनगणना को आज के परिप्रेक्य में आदर्श कैसे मानेंगे। दो बार परिसीमन कर लिया गया है तो तीसरी मर्तबे क्यों। मौजूदा दौर में परिसीमन कराने का कोई कारण नहीं बनता और ना ही कोई औचित्य है। कोर्ट ने आपत्तियों के निराकरण और अधिसूचना जारी करने पर रोक लगा दी है।याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ महाधिवक्ता व पूर्व एजी सतीशचंद्र वर्मा,अमृतो दास, रोशन अग्रवाल,राज्य की ओर से प्रवीण दास उप महाधिवक्ता व विनय पांडेय व नगर पालिका कुम्हारी की तरफ से पूर्व उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने पैरवी की। ⚖️