छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गईं। मौत के बाद परिजनों ने डॉक्टर्स पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा कर दिया। परिजन ने कहा कि, डॉक्टर्स ने यह कह कह कर उनहें भर्ती नहीं किया कि, वे दारू पीने वालों का इलाज नहीं करते!
रविवार को मौत के बाद परिजन अस्पताल से डेडबॉडी ले जाने को तैयार नहीं थे। हंगामे के बाद मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के अधीक्षक ने जांच टीम बनाने का आश्वासन दिया। इसके बाद सोमवार को सुबह परिजन शव ले गए। 2 दिन पहले भी ऑक्सीजन नहीं मिलने से एक की मौत हुई थी।
3 दिन तक लगातार चककर काटे
जानकारी के मुताबिक दर्ीपारा निवासी 50 साल की शांति मरावी तीन दिन पहले बीमार पड़ी थी। डायरिया से पीड़ित होने पर परिजन उसे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। इसके बाद डॉक्टर्स ने दवा देकर उसे वापस घर भेज दिया।
इसके बाद शनिवार को शांति मरावी को परिजन फिर अस्पताल लेकर पहुंचे। आरोप है कि ड्यूटी डॉक्टर ने भर्ती करने के बजाए फिर इंजेक्शन लगाकर घर भेज दिया था। बेटी का कहना है कि, डॉक्टर के सामने ममी ने उल्टी की तो डॉक्टर ने कहा कि, कुछ नहीं होगा शराब पीने की वजह से होता है, ठीक हो जाएगी।
रविवार को शांति मरावी की हालत फिर बिगड़ी तब भी डॉक्टर ने इलाज के बाद उसे घर भेज दिया। इसके बाद देर शाम को गंभीर हालत में जब परिजन लेकर पहुंचेतो उसे भर्ती किया गया लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
सीएस, दिया जांच का आश्वासन
मृतका शंति बाई के परिजनों ने आरोप लगाया है कि बार-बार कहने के बाद भी डॉक्टरों ने उसे भर्ती नहीं किया। पहले भी महिला को लेकर अस्पताल आए थे, लेकिन डॉक्टर ने इलाज में लापरवाही के कारण शांति बाई की मौत हुई।
मामले में सीएस डॉ. जेके रेलवानी ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। पता लगाया जा रहा कि परिजनों के बोलने के बाद भी पीड़िता को भर्ती क्यों नहीं किया गया। इसके लिए जांच कमेटी गठित की जा रही है। पहले हुई मौत के मामले में भी जांच कमेटी गठित कर दी गई है।
तीन दिन में दूसरी मौत
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज में लारवाही के कारण मौत यह दूसरा मामला है। तीन दिन पहले सूरजपुर से का रेफर मरीज रामचंद्र ठाकुर की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उसे लं्स के इलाज के लिए भर्ती किया गया था। परिजनों ने ऑक्सीजन नहीं मिलने के कारण मौत का आरोप लगाया था। नोजल खराब होने की शिकायत के बाद भी नर्स ने चेक नहीं किया।