सरकंडा सोनगंगा कॉलोनी में रहने वाली महिला बीमार पड़ी तो फिर उन्होंने तंत्र मंत्र हवन और ग्रह नक्षत्रों में इसका इलाज ढूंढना शुरू किया। गूगल सर्च पर इसी तलाश में महिला हनुमंत niketan.com साइट में पहुंच गई, वहां जानकारी सर्च करने पर उनके पास 9519 248 866 से कॉल आया। दूसरी ओर से उन्हें बताया गया कि अगर वह आशीष त्रिपाठी नाम के व्यक्ति के खाते में 3350 ट्रांसफर कर दे तो उनका संपूर्ण इलाज हो सकता है |महिला उनके झांसे में आ गई और इतने रुपए ट्रांसफर कर दिए ।
लेकिन यह मामला यहीं नहीं रुका। इसके बाद साइबर ठंग तरह-तरह का प्रलोभन देकर अलग-अलग अनुष्ठान के नाम पर पैसों की मांग करते रहे। कभी हवन, पूजन, दान दक्षिणा तो कभी गोदान विंध्यवासिनी दान , मारण क्रिया दान, बंधक क्रिया दान, सुरक्षा कवच के नाम पर दान मांगते हुए यह रकम 36 लाख 73 हजार रुपए तक पहुंच गई। जिस बीमारी का इलाज कुछ हजार रुपए में हो सकता था, उसके लिए ना समझी में महिला करीब 37 लाख रुपए लूटा बैठी, जिसके बाद उन्हें होश आया तो फिर सरकंडा थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई। रकम का ट्रंजैक्शन जिन खातों में हुआ था, उन खातों और एटीएम फुटेज के आधार पर पुलिस की एक टीम प्रयागराज पहुंची, जहां स्थानीय पुलिस की मदद से आखिरकार पुलिस साइबर ठग 22 वर्षीय आशीष त्रिपाठी तक पहुंची गई, जिसने न जाने ऐसे कितने लोगों को ठगी का शिकार बनाया था। आरोपी को गिरफ्तार कर पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा किया है
इन दिनों बिलासपुर पुलिस चेतना के दूसरे चरण में साइबर ठगी को लेकर लोगों को जागरूक कर रही है। इस मामले को पुलिस ने एक बार फिर से आम लोगों को सतर्क करते हुए कहा कि
साइबर ठग आए दिन नए-नए तरीकों के माध्यम से आम जनता से धोखाधड़ी करने का प्रयास करते हैं।
कोई भी व्यक्ति अनजान नंबर से अपने आप को पुलिस का अधिकारी, सी.बी.आई. अथवा ई.डी. का अधिकारी बताकर ठगी करने का प्रयास करते हैं ऐसे कॉल से सावधान रहें। बेलासपुर पुलिस इस प्रकार की ठगी को रोकने के लिए थानों में आम जनता द्वारा दर्ज कराए गए रिपोर्ट में मोबाइल नंबर एवं व्यक्तिगत जानकारी छिपाया जा रहा है।
. अनजान व्यक्ति जिसका नंबर आपके मोबाइल पर सेव नहीं है उसके साथ कभी भी कोई निजी जानकारी, बैंकिंग जानकारी, ओटीपी, आधार कार्ड, पैन कार्ड फोटो आदि शेयर न करें।
अनजान वेबसाइट एवं अनाधिकृत एप डाउनलोड या सर्च करने से बचें।
‘ कम परिश्रम से अधिक लाभ कमाने अथवा रकम दुगना करने का झांसा देने वाले व्यक्तियों से सावधान रहें खुद को स्वयं होकर ठगों के पास न पहुँचायें।
स्वयं की पहचान छुपाकर सोशल मीडिया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, व्हाट्सएप इत्यादि के माध्यम से इंटिमेट (अश्लील लाइव चैट) करने से बचें।
परीक्षा में अधिक अंकों से पास करा देने की झांसा देने वाले व्यक्तियों खासकर +92 नंबरों से आने वाले वॉट्सएप कॉल से बचने का प्रयास करें।
गुगल सर्च इंजन पर आमजन अपनी सुविधानुसार कस्टमर केयर का नम्बर प्राप्त करने वेब ब्राउजर पर नम्बर सर्च करता है किन्तु वेबसाईट की जांच परख किये बिना उपलबद्ध नम्बर पर संपर्क कर फॉड में फंसकर अपनी जमा पुंजी एवं निजी जानकारी खो बैठता है।
‘ गुगल प्ले स्टोर अथवा वेब ब्राउजर अथवा सोशल मिडीया फेसबुक, इन्स्टाग्राम, वॉट्रअप लिंक के माध्यम से डाउनलोड किये ‘गये लोन एप आपको कुछ राशि देने के एवज में आपके फोन का डाटा जिसमें आपके मोबाईल में संरक्षित परिचित व्यक्तियों के मोबाईल नम्बर, फोटो, विडीयो आदि आपके परमिशन से अपने पास सुरक्षित रख लेते है एवं आपकी निजी जानकारी फोटो एडिट कर अशलील में परिवर्तित कर आपके परिचितों में फैला देने एवं लोन राशि ब्याज सहित वापस करने का दबाव बनाकर एवं ब्लैकमेल कर रकम की उगाही की जाती है।
उपरोक्त के अतिरिक्त भी आपकी बैंकिंग जानकारी एवं ओ.टी.पी. व क्रेडिट अथवा डेबिट कार्ड के पीछे छपे सी.वी.वी. नम्बर प्राप्त कर भी फॉड की जाती है जिनसे सावधान रहने की आवश्यकता है।
उपरोक्तानुसार सावधानी बरतने के बाद भी यदि साइबर फॉड के शिकार हो जाते है तो निम्न प्रकार से त्वरित रिपोर्ट दर्ज करा सकते है –
‘ तत्काल नजदीकी थाना में अपनी शिकायत दर्ज करें।
” हेल्पलाइन नम्बर 1930 पर सम्पके कर सहायता प्राप्त कर सकते है।
https:/ cybercrime.gov.in पर जाकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते है।