चाय की गुमटियों जैसी दुकानाें में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से। सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। खास बात यह है कि अधिकतर झोलाछाप डॉक्टर द्वारा मरीज़ को 💉 इंजेक्शन लगाया जाता है जो कि मौत का इंजेक्शन साबित होते है
बिलासपुर—-तखतपुर तहसीलदार की टीम ने बीजा में मेडिकल दुकान की आड़ में महिला का इलाज करते झोला छाप डॉक्टर को पकड़ा है। पकड़े गए झोला छाप डाक्टर का नाम मोनी मोहन मालाकार है। मेडिकल दुकान संचालन की आड़ में योग्यता नहीं रखने के बावजजूद आरोपी लम्बे समय से ग्रामीणों का ईलाज कर रहा है। पहले भी ईलाज करते पकड़ा गया था और दुबारा ऐसा नहीं करने की समझाइश दकर छोड़ा गया था।
तहसीलदार तखतपुर पंकज सिंह की अगुवाई में बीजा स्थित एमएम मेडिकल दुकान पर धावा बोला। तहसीदार ने छानबीन के दौरान एमएम मेडिकल दुकान संचालक मोनी मोहन मालाकार को ग्रामीण महिला का इलाज करते धर दबोचा। पूछताछ के दौरान महिला ने अपना नाम लक्ष्मीन अनंत बताया। लक्ष्मीन ने बताया कि वह डाक्टर से पहले भी कई बार ईलाज करवा चुकी है। तबीयत खराब होने के कारण आज इलाज कराने के साथ ही इंजेक्शन लगवाने दुकान आयी है।
तहसीलदार ने बताया कि इसके पहले कार्रवाई के दौरान दुकान संचालक और झोला छाप डाक्टर मोनी मोहन मालाकार को बिना योग्यता ग्रामीणों का ईलाज करते पकड़ा गया था। तत्कालीन समय समझाइश के बाद छोड़ा गया। मंगलवार को एक बार फिर दुकान की आड़ में इलाज करने और महिला को इंजेक्शन लगाते आरोपी को पकड़ा गया है।
आस पास के लोगों से पूछताछ के बाद महिला का बयान दर्ज किया गया। साथ ही मालाकार के दुकान को सील कर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ में झोला छाप डॉक्टरों का आतंक छाया हुआ विगत कुछ सालों से मेडिकल स्टोर के आड़ में अपनी इलाज की दुकान चला रहे हैं हर प्रकार के इलाज करने का दावा इनके द्वारा किया जाता है
प्रशासन द्वारा समय समय पर कार्रवाई कर इनके क्लिनिक को बंद किया जाता है भ्रष्ट सिस्टम के कारण कुछ ही समय मे फिर इनका दुकान चालू हो जाता है