सेंट्रल डेपुटेशन से IAS अमित कटारिया लौट आए हैं। करीब 7 सालों से छत्तीसगढ़ से बाहर रहे कटारिया ने मंत्रालय में अपनी जॉइनिंग दे दी है। कटारिया जितने दिन छत्तीसगढ में रहे चर्चा में ही रहे। जब प्रदेश में थे तब शुरू-शुरू में सैलरी के रुप में सिर्फ 1 रुपया लिया करते थे। तब अपनी जॉब को सेवा मानकर किया करते थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई अमित कटारिया की कंट्रोवर्सी इस IAS के करियर में सबसे टॉप विवाद है। प्रधानमंत्री से काला चश्मा लगाकर मिलने पर उन्हेंनोटिस थमाया गया था। 2004 बैच के कटारिया रायपुर, बस्तर में अहम पदों पर थे। 2017 से वो कें्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। गुड़गांव के रहने वाले अमित कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
ये हुआ था उस दिन
साल 2015 मई माह में बस्तर दौरे पर PM नरेंद्र मोदी आए। तब डॉ रमन सिंह CM थे। बस्तर के कलेक्टर अमित कटारिया थे। एयरपोर्ट पर PM का स्वागत किया गया। PM मोदी विशेष विमान से जगदलपुर पहुंचे तो मुख्यमंत्री के साथ बस्तर कलेक्टर कटारिया ने उनका स्वागत किया और हाथ मिलाया।
कलेक्टर ने उस वक्त नीली शर्ट पहनी थी और एक खास ब्रांड का महंगा काला चश्मा लगाए हुए थे, जिसमें ज्यादातर अफसर आमतौर से नजर आते हैं।
यहां से पीएम हेलीकॉप्टर से दंतेवाड़ा गए। वहां कलेक्टर देवसेनापति ने उनकी अगवानी की, तब वेभी ऐसी ही शर्ट और चश्मे में थे। ऐसे पहनावे को राज्य शासन ने सर्विस रूल्स और प्रोटोकॉल के खिलाफ माना। सामान्य प्रशासन विभाग ने दोनों कलेक्टरों को नोटिस जारी करते हुए चेतावनी भी दी कि भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए।
तब CM रहे डॉ रमन सिंह ने कहा था- प्रधानमंत्री के दौरों में अफसरों को निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। नए कलेक्टर हैं, इसलिए समझाना जरूरी था। कटारिया का चश्मा लगाकर PM से मिलना, PM के बस्तर दौरे से बड़ा राष्ट्रीय समाचार बन चुका था।
बीजेपी नेता को कहा था ‘गेट आउट’
. रायगढ़ में साल 2011 के जुलाई महीने की घटना है। उस समय कटारिया वहां के कलेक्टर थे। वरिष्ठ भाजपा नेता
रोशनलाल अग्रवाल को उन्होंने अपने ऑफिस से डांटते हुए ‘गेट आउट’ कहकर भगा दिया था। भाजपा नेता रायगढ़ के जूटमिल क्षेत्र में गौरवपथ के निर्माण के दौरान अतिक्रमण हटाने में गरीब पीड़ितों का पक्ष रखने के लिए कलेक्टर के चैंबर में गए थे।
. इसी तरह 2009 में नगर निगम कमिश्वर रहते हुए अमित कटारिया शहर के मेयर और भाजपा नेता सुनील सोनी से भिड़ गए थे। निगम की ही एक बैठक में दोनों के बीच
. कटारिया जब रायपुर नगर निगम के कमिश्नर थेतब
बहस हो गईं थी।
तो उनसे भिड जाया करते थे। वो पैदल चलते हुए था शहर का निरीक्षण करते थे। स्टेशन रोड पर दुकाने तुड़वाने का काम उन्होंने किया था।
रातोंरात अवैध निर्माण तोड देते थे। नेताओं का प्रेशर होता
. गुड़गांव के रहने वाले अमित ने इंजीनियरिंग आईआईटी दिल्ली से की है। उन्होंने अपनी पढ़ाई इलेकट्रॉनिक्स में पूरी की।
० बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही उन्हें देश विदेश की नामी गिरामी कंपनियों से लाखों के पैकेज पर नौकरी का ऑफर मिला था। लेकिन वे आईएएस बनना चाहते थे। इसलिए सभी ऑफर ठुकरा दिया।
. कटारिया के परिवार का दिल्ली और आसपास रियल स्टेट का कारोबार है। शॉपिंग माल और कई कॉम्प्लेक्स भी है। अमित की पत्नी प्रोफेशनल पायलट हैं।
छत्तीसगढ़ लौटने वाले 5वें अफसर
प्रतिनियुक्ति पूरी होने के बाद छत्तीसगढ़ कैडर के AS अफसरों का वापस लौटना शुरू हो गया है। बीते आठ महीनों में अमित कटारिया को मिलाकर कुल 5 आईएएस अफसर राज्य लौट चुके हैं।
इनमें 4 एसीएस रिचा शर्मा, प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, सचिव अविनाश चंपावत, रितु सेन शामिल हैं। चर्चा येभी है कि IAS सुबोध सिंह और एलेक्स पॉल मेनन भी जल्द छत्तीसगढ़ लौट सकते हैं।