बिलासपुर :- सिम्स के सर्जरी विभाग के एसोशियट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डा. ओ.पी. राज पर इंटर्न ने गंदी हरकत करने का आरोप लगाया था। एमएस ने जांच के लिए चार सदस्यीय टीम डेढ़ माह पर पूर्व गठित की थी लेकिन अभी तक इनकी जांच पूरी नही हुई है और एम एस की मिली भगत के चलते आरोपी के साथ के लोगों को ही कमेटी रखा गया है हालांकि कमेटी ने डा राज के खिलाफ ही रिपोर्ट दी है, लेकिejjन फिर भी रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नही की जा रही wहै,अगर जांच में डा. ओ. पी. राज को दोषी पाया गया है तो संस्था प्रभारी डा. के. के. सहारे ने दोषी डा पर करवाही क्यू नही की इससे उनकी भूमिका भी संदेह के घेरे में आती हैं ?
सिम्स के डाक्टर राज पर सेक्सुअल हैरसमेंट का आरोप
ज्ञात हो कि सिम्स के डाक्टर राज पर सेक्सुअल हैरासमेंट जांच के बीच एक और महिला पहुंच गई, बोली मुझे तो बेड शेयर करने कहा था। सिम्स के सर्जरी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डा ओ पी राज गंभीर आरोप से घिर गए हैं,2019 बैच की सभी महिला इंटर्न का आरोप है कि डा राज उनसे छेड़खानी करते हैं,शरीर को गलत तरीके से छूटे है, विरोध करने पर इंटर्नशि❤️में एक्सटेंशन लगाने तक की धमकी देने से बाज नही आते, महिला इंटर्न से पत्र के आधार पर डी एमई ने जांच कर रिपोर्ट मांगी है। बुधवार दोपहर सिम्स में बंद कमरे में मामले की जांच की जा रही थी।
घटना की जानकारी इंटर्न छात्राओं ने दी
कमिश्नर स्वास्थ्य सेवाओं से लिखित शिकायत के साथ ही डीएमई को भी घटना की जानकारी इंटर्न छात्राओं ने दी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएमई ने सिम्स में कार्यरत लैंगिक उत्पीड़न समिति को मामले की जांच करने और रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था.समिति ने अपनी रिपोर्ट को डीएमई व सिम्स के डीन को सौंप दिया है. डीएमई ने रिपोर्ट का अध्ययन करने और अभिमत के साथ दोबारा रिपोर्ट पेश करने का निर्देश सिम्स के डीन को दिया.
इंटर्नशिप में रोक लगाने की दी थी धमकी
जिले के कलेक्टर अवनीश शरण से सिम्स की इंटर्न छात्राओं ने मिलकर शिकायत की थी, मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने एमएस को जांच का निर्देश दिये थे. दरअसल इंटर्न छात्राओं ने आरोप लगाया है कि सिम्स के एक सीनियर डॉक्टर छात्राओं के शरीर को गलत तरीके से छूते हैं, जिसका विरोध करने पर इंटर्नशिप में रोक लगाने की धमकी भी दिया जा रहा था. छात्राओं ने हेल्थ अफसरों से शिकायत कर राहत की मांग की
डीएमई को एक पत्र लिखकर किया गया था शिकायत
2019 बैच की सभी महिला इंटर्न ने बीते दिनों और कलेक्टर डी एमई को एक पत्र लिखा था जिसमे उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया है कि डा राज उनसे और उनके सीनियर बैच की महिला इंटर्न से काफी दिनों से छेड़खानी कर रहे है।लेकिन डर की वजह से यह बात किसी को बता नही पा रहे है।शिकायत पत्र में साफ लिखा है कि डा राज लाकबुक में साइन नहीं करने और इंटर्नशिप में एक्सटेंशन लगाने की धमकी देते हैं।
डी एमई का पत्र आने जाने के बाद महिला लैंगिक उत्पीड़न समिति के अध्यक्ष डा संगीता रमन जोगी ने बुधवार को जांच77 शुरू की है इस मामले में पक्ष जानने के लिए डा राज से मंगलवार को संपर्क किया गया। सिम्स में मिलने पर डा राज ने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
बेड शेयर करने से मना करने पर धमकाया कहा की तुम्हारे पति की नोकरी खा जाऊंगा ।
सिम्स में दोपहर में जब जांच चल रही थी तभी एक महिला शिकायत लेकर पहुंची उन्होंने बताया कि करीब दो साल पहले उसकी बंदी भाई जेल से इलाज के लिए सिम्स आया था उसे कमर दर्द की शिकायत थी। जिस पर डा राज की यूनिट में उसे भर्ती कराया गया।
आरोप है की भाई की तकलीफ काम नही होने पर जब वह डा राज से ओपीडी कक्ष में मिली तब डा राज ने बेड शेयर करने कहा। उस वक्त वह बहुत डर गई थी। और कहा कि आप मेरे पति के सीनियर है जो आपके विभाग में ही कार्यरत है ,महिला के मना करने पर डा राज ने महिला के भाई को इलाज की बिना ही फिर से जेल भेज दिया। और किसी को कुछ बताने पर पति की नोकरी समाप्त करने की भी धमकी दे डाली।
मामले को दबाने की कोशिश
एम एस से लेकर सब मामला दबाने के फिराक में
इस मामले की जांच बुधवार को शुरू कर दी गई है। बंद कमरे में करीब दो घंटे तक बयान दिए गए। कमरे से निकलने के बाद जब एम एस डा सुजीत नायक से जांच के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि कलेक्टर से मार्क होकर शिकायत शाखा में ऐसा कोई पत्र नही आया है। अधिष्ठाठा कार्यालय में जो भी पत्र आया है वह डी एमई के तरफ से आया है। जिसमें जांच कराने की बात कही गई है। जबकि कलेक्टर कार्यालय द्वारा मार्क मौजूद हैं। जिसे कलेक्टर ने सी एच ओ को भेजा था। सी एच ओ कार्यालय से इस पत्र को सिम्स के एम एस के पास जांच के लिए भेजा गया है।
डा. ध्रुव पर भी साजिश में शामिल होने का आरोप
शिकायत कर्ता महिला का कहना है कि आज भी जब उनके पति सिम्स में इंट्रब्यूज के लिए आते है तो मिली भगत कर उन्हे स्क्रूटीनी से ही भगा दिया जाता है उन्होंने यह भी आरोप लगाया की इस साजिश में कई लोग शामिल हैं और पैसा लेने के मामले में डा. चंद्रहास ध्रुव पीछे नहीं है। महिला ने
बताया कि अब तक वह लोक लाज के डर से चुप थी लेकिन महिला इंटर्न द्वारा शिकायत करने की जानकारी मिली तब वह भी न्याय मांगने आई है। डा. ध्रुव पर आयुष्मान मामले में भी आर्थिक मामले में दोषी है उस पर भी कार्यवाही रुकी हुई है।