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अजमेर SCANDLE:-100 से अधिक लड़कियों की अश्लील तस्वीरें, ब्लैकमेल और फिर दुष्कर्म..पढे दिल दहलाने वाली कहानी

देश के बहुचर्चित अजमेर ब्लैकमेल कांड पर मंगलवार को विशेष न्यायालय कोर्ट संख्या-2 ने अपना फैसला सुनाया है। आज से करीब 32 साल पहले 1992 में हुए इस मामले से राजस्थान के साथ देश भी कांप उठा था और तत्कालीन सरकार हिल गई थी। कोर्ट ने इस मामले के बचे हुए छह आरोपियों को लेकर आज अपना फैसला सुनाया, जिसमें छह आरोपियों को दोषी मानते हुए धारा- 376, 376 डी और 120 बी के तहत 208 पेज के फैसले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसमें एक आरोपी की तबियत खराब होने के चलते उसे एंबुलेंस में लाया गया था। इससे पूर्व कोर्ट में बड़ी संख्या में पुलिस का जाब्ता मौजूद रहा और आरोपियों के दोषी साबित होते ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। हालांकि, कोर्ट ने अपना फैसला दो बजे के बाद सुनाया।

1992 के अप्रैल-मई महीने में हुई थी शुरुआत

अजमेर को शर्मसार करने वाली इस सनसनीखेज कहानी की शुरुआत साल 1992 के अप्रैल-मई महीने में हुई थी. उस समय आज की तरह सोशल मीडिया नहीं था. लेकिन फोटोग्रॉफी शुरू हो चुकी थी. अजमेर के एक नामी गर्ल्स कॉलेज की हाई प्रोफाइल छात्राओं की न्यूड तस्वीरें अचानक से शहर में सर्कुलेट होने लगी.

स्थानीय अखबार की एक खबर ने आया था भूचाल

इसी दौरान अजमेर से प्रकाशित होने वाली स्थानीय दैनिक नवज्योति अखबार में एक रोज एक खबर छपी. खबर की हेडिंग थी- बड़े लोगों की पुत्रियां ‘ब्लैकमेल की शिकार’. इस खबर को युवा पत्रकार संतोष गुप्ता ने छापा था. खबर के साथ तस्वीरें भी थी. इस खबर के छपते ही अजमेर में भूचाल आ गया. फिर एक-एक कर कई और तस्वीरें सामने आई.

तत्कालानी भैरोसिंह शेखावत सरकार ने CID को सौंपा जांच का जिम्मा

सर्कुलेट हो रही न्यूड तस्वीरें एक-दो नहीं, बल्कि 100 से ज्यादा छात्राओं की थी. इसमें कई लड़कियां बड़े परिवार की थी. तस्वीर सामने आने ही हड़कंप मच गया. पूरे देश में इस कांड की गूंज होने लगी. उस समय राजस्थान में भैरोसिंह शेखावत की सरकार थी. शेखावत ने मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी-सीबी को सौंपा.

आरोपियों का पहला शिकार- एक बिजनेसमैन का बेटा, फिर उसकी गर्लफ्रेंड

सीआईडी और पुलिस की जांच में जो कहानी सामने आई उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. कहानी यह निकली कि आरोपियों ने अजमेर के एक बड़े बिजनेसमैन के बेटे के साथ दोस्ती की. फिर उसके साथ कुकर्म कर उसकी अश्लील तस्वीरें निकाली. इस तस्वीर के जरिए बिजनेसमैन के बेटे को ब्लैकमेल करते हुए आरोपियों ने उसकी गर्लफ्रेंड को एक पोल्ट्री फॉर्म पर बुलाया.

बिजनेस मैन बेटे की गर्लफ्रेंड के बाद कई लड़कियों का किया शोषण

फिर आरोपियों ने बिजनेसमैन की गर्लफ्रेंड के साथ रेप किया और उसकी अश्लील तस्वीरें निकाली. फिर उस तस्वीर के जरिए लड़की को ब्लैकमेल करते हुए आरोपियों ने उसपर अपने दोस्तों को बुलाने का दवाब बनाया. बदनामी से बचने के लिए लड़की धोखे से अपने दोस्तों को आरोपियों को ठिकानों पर ले जाने लगी. जहां आरोपी उन लड़कियों का रेप कर उसकी अश्लील तस्वीरें निकालते हुए उनके जरिए अन्य लड़कियों को अपना शिकार बनाने लगे.

गर्ल्स कॉलेज के बाहर खड़ी रहती थी आरोपियों की कार

इस घिनौने ब्लैकमेलिंग केस के जरिए आरोपियों ने शहर की 100 से अधिक छात्राओं को अपना शिकार बनाया. कहा जाता है कि उस समय आरोपियों की फिएट कार गर्ल्स कॉलेज के बाहर खड़ी रहती थी. जो अलग-अलग दिन अलग-अलग लड़कियों को शहर के अलग-अलग ठिकानों पर ले जाती थी और उनके साथ रेप किया जाता था.

मामला कैसे सामने आया

आरोपियों ने लड़कियों की न्यूड तस्वीरें निकालने का काम शहर के एक फोटो स्टूडियों के लैब को दी थी. लैब में काम कर रहे टेक्नीशियन का लड़कियों की न्यूड तस्वीरें देख नीयत बिगड़ गई और फिर उन्हीं लोगों के जरिए तस्वीरें मार्केट में आ गई. कहा जाता है कि ये तस्वीरें जिसके हाथ लगी उसी ने लड़की को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.

आरोपी सियासी पहुंच वाले, कई चिश्ती परिवार से जुड़े थे

इस मामले के आरोपी सियासी पहुंच वाले थे. मामले का मास्टरमाइंड यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष फारूक चिश्ती था. इसके अलावा यूथ कॉन्ग्रेस का वाईस प्रेजिडेंट नफीस चिश्ती, जॉइंट सेक्रेटरी अनवर चिश्ती, लैब डेवलपर पुरुषोत्तम उर्फ़ बबली, इकबाल भाटी, कैलाश सोनी, सलीम चिश्ती, सोहेल गनी, जमीर हुसैन, अल्मास महाराज, इशरत अली, परवेज अंसारी, मोइजुल्लाह उर्फ़ पूतन इलाहाबादी, नसीम उर्फ़ टार्जन, कलर लैब का मालिक महेश डोलानी, ड्राइवर शम्शू उर्फ़ माराडोना, नेता जउर चिश्ती इस डर्टी गेम में आरोपी के रूप में शामिल थे.

इनमें से 5 अपनी सज़ा काट चुके हैं, वहीं 6 को अब सज़ा सुनाई गई है. फारूख चिश्ती को 2007 में उम्रकैद तो मिली, लेकिन 2013 में उसे रिहा कर दिया गया. मामले का एक आरोपी पुरुषोत्तम उर्फ़ बबली 1994 में आत्महत्या कर चुका है.

सजा के बाद गर्दन नीचेकर छुपाए अपने चेहरे

न्यायाधीश द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद सभी छह आरोपी अपना मुंह रुमाल से ढकते नजर आए. इसी दौरान सभी छह आरोपियों को पुलिस के चालानी गार्ड ने अपनी कस्टडी में ले लिया और पुलिस की जीप में बैठाकर जेल ले गए. लेकिन आज कोर्ट में अपना चेहरा छिपाने वाले इन दरिंदों ने कई लड़कियों को कभी ना भूलने का दर्द दिया था.

6 लड़कियों ने बदनामी के डर से कर लिया था सुसाइड

इस बहुचर्चित मामले में 6 लड़कियों ने सुसाइड भी कर लिया है. कई मामले की कई पीड़िताएं आज भी अपने नाम और पहचान को छिपाकर अलग-अलग शहरों में रह रही हैं. लेकिन उस भयानक कांड को याद कर आज भी वो सिहर जाती है. मंगलवार को जब अदालत ने इस मामले में 6 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई तो फिर से यह मामला सबकी जेहन में आ गया.

एक आरोपी अलमास महाराज आज भी फरार

अजमेर की इस बहुचर्चित केस का एक आरोपी अलमास महाराज आज भी पुलिस की पकड़ से दूर है, पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर रखा है. अलमास महाराज के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटस भी जारी है.

अजमेर ब्लैकमेल कांड की पॉक्सो कोर्ट संख्या-2 में सुनवाई चल रही थी। इस केस के आरोपी नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी और सैयद जमीर हुसैन का ट्रायल पूरा हो गया था। पॉक्सो कोर्ट-2 के न्यायाधीश रंजन सिंह ने इन आरोपियों को दोषी मानते हुए अपना फैसला सुनाया। इस मामले में पूर्व में नौ आरोपियों को सजा सुनाई जा चुकी है। एक ने सुसाइड कर लिया था। मामले में आरोपी ईशरत अली, अनवर चिश्ती मोइजुल्हा उर्फ पूतन इलाहाबाद, शमसू उर्फ मरदान् को 10 साल की भुगती सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में छोड़ दिया था। वहीं, साल 2001 में हाईकोर्ट ने चार आरोपी महेश लुधानी, परवेज, हरीश, कैलाश सोनी को बरी कर दिया था। इन चारों को साल 1998 में सेशन कोर्ट ने उम्रकैद सुनाई थी, केस में कुल 18 आरोपी थे।

यह थे मामले में कुल 18 आरोपी

सहायक निदेशक अभियोजन वीरेंदर सिंह राठौड़ ने बताया कि मामले में 18 आरोपी थे, जिनमें हरीश दोलानी (लैब मैनेजर), फारुख चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस अध्यक्ष), नफीस चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष), अनवर चिश्ती (तत्कालीन यूथ कांग्रेस जॉइंट सेक्रेट्र), पुरुषोत्तम उर्फ बबली (लैब डेवलपर), इकबाल भाटी, कैलाश सोनी, सलीम चिश्ती, सोहैल गनी, जमीर हुसैन, अलमास महाराज, इशरत अर्ल मोइजुल्लाह उर्फ पूतन इलाहाबादी, परवेज अंसारी, नसीम उर्फ टारजन, महेश लोदानी (कलर लैब का मालिक), शम्सू उर्फ माराडोना (ड्राइवर), जऊर चिश्ती (लोकल पॉलिटिशियन) के नाम शामिल थे।

अलग-अलग चार्जशीट की पेश

पहली चार्जशीट आठ आरोपियों के खिलाफ और इसके बाद चार अलग-अलग चार्जशीट चार आरोपियों के खिलाफ थी। इसके बाद भी पुलिस ने छह अन्य आरोपियों के खिलाफ चार और चार्जशीट पेश की जिस वजह से 32 साल बाद केस में पीड़िताओं का न्याय मिला।

एक आरोपी के खिलाफ जारी है रेड कॉर्नर नोटिस

इस केस का एक आरोपी अलमाश महाराज अभी भी फरार है। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो रखा है। वहीं, एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली थी। शेष छह आरोपी की 2002 के बाद गिरफ्तारी हुई थी। उनकी कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और आज उन्हें सजा सुनाई गई।

104 गवाह और 245 दस्तावेज किए पेश

सहायक निदेशक अभियोजन वीरेंदर सिंह राठौड़ ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सुनवाई के दौरान 104 गवाह और 245 दस्तावेज पेश किए गए थे। कोर्ट के फैसले पर आज सभी की नजरें टिकी हुई थी। क्योंकि इस मामले में कई लड़कियों ने ब्लैकमेल और बदनामी के डर से आत्महत्या कर ली थी तो कई लडकियों की शादी तक नहीं हई थी!

32 साल बाद आया फैसला

राजस्थान के अजमेर जिले में साल 1992 में स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं की नग्न तस्वीरें खींचकर उनको ब्लैकमेल करने के मामले में पूरे राजस्थान के साथ देश शमेसार हुआ था। मामले में लड़कियों की अश्लील फोटो खींचकर उनको ब्लैकमेल कर दुष्कर्म करने के इस केस ने तत्कालीन सरकार में हड़कंप मचा दिया था। अपनी बदनामी के डर से कई लड़कियों ने आत्महत्या करके मौत को गले लगा लिया था। इस केस के चार अभियुक्तों को पूर्व में सजा हो चुकी है, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उनको बरी कर दिया था। आज बचे हुए छह अन्य आरोपियों को लेकर आजीवन कारा की सजा का फैसला सुनाया गया। इसके साथ ही न्यायालय ने प्रत्येक आरोपियों पर पांच लाख रुपये का जुमाना भी लगाया।

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