नई दिल्ली। सरकार और विपक्ष के बीच चुनावी नतीजों से बदले समीकरण की सियासी तपिश संसद में अब आक्रामक रूप में सामने आने लगी है। लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान गुरुवार को रेल व खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और कांग्रेस सांसद व पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बीच हुई तकरार में इसका सबसे आक्रामक स्वरूप दिखा।
सदन में आई हाथापाई की नौबत
दोनों के बीच शब्दों की तकरार आर पार की ताल ठोकने के मुहाने तक पहुंच गई। मंत्री बिट्टू हाथ लहराते हुए अपनी सीट से उठकर देख लेने के अंदाज में विपक्षी सांसद चन्नी से भिड़ने के लिए वेल की ओर दौड़ पड़े। विपक्षी सांसद भी मंत्री का मुकाबला करने के लिए सामने आकर डट गए और भारी हंगामे के बीच हाथापाई की नौबत को टालने के लिए सदन को स्थगित करना पड़ा
केंद्र की नीतियों पर हमलावर हुए चन्नी
लोकसभा में दोपहर एक बजे बजट चर्चा को आगे बढ़ाते हुए कांग्रेस सांसद चन्नी ने मोदी सरकार की नीतियों और कार्यशैली पर तीखे हमले शुरू कर दिए। चन्नी ने कहा कि सत्ता पक्ष आपातकाल की बात करता है, लेकिन विपक्षी सांसदों, किसानों के साथ जो व्यवहार हो रहा है, वह भी तो आपातकाल है। इसी दौरान उन्होंने जेल में बंद खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल का नाम लिए बगैर कहा कि 20 लाख लोगों के प्रतिनिधि को बोलने का अवसर नहीं मिल रहा है, यह भी आपातकाल है।
देश के लिए शहीद हुए मेरे दादाः बिट्टू
भाषण के दौरान चन्नी ने भाजपा सरकार की नीतियों की तुलना अंग्रेजों से की और बिट्टू की वफादारी पर कटाक्ष किए तो तकरार बढ़ने लगी। टोका-टाकी से असहज चन्नी ने बिट्टू से कहा कि आपके दादा (सरदार बेअंत सिंह) उस दिन शहीद नहीं हुए बल्कि उस दिन मरे जिस दिन आपने कांग्रेस छोड़ी। इससे आग बबूला हुए बिट्टू ने कहा कि उनके दादा देश के लिए शहीद हुए, कांग्रेस के लिए नहीं।
बिट्टू ने चन्नी पर लगाए कई गंभीर आरोप
बिट्टू ने अंग्रेजों से तुलना के जवाब में कांग्रेस की सर्वोच्च नेता सोनिया गांधी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी कर डाली और चन्नी के खिलाफ भी भ्रष्टाचार से लेकर कई तरह के आरोप जड़े। इससे बढ़े हंगामे के बीच बिट्टू इतने आवेश में आ गए कि कमीज की बाजू चढ़ाते हुए चन्नी से दो-दो हाथ करने के अंदाज में तेज कदमों से वेल तक पहुंच गए। विपक्षी सांसद भी उसी अंदाज में मुखर होकर वेल में आने लगे।
वेल में पहुंचे कई सांसद
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष और लुधियाना के सांसद अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने बिट्टू को चुनौती देते हुए कहा कि चुनाव में वे उनको हरा चुके हैं और यहां भी शिकस्त देंगे। पंजाब से कांग्रेस के तमाम कांग्रेस सांसदों के अलावा पार्टी के दर्जनभर अन्य सांसद भी वेल में पहुंच गए।
रक्षा मंत्री ने किया बीच-बचाव
टकराव की नौबत आती देख सत्ता पक्ष की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा कुछ अन्य भाजपा सदस्यों ने तत्काल बिट्टू को पकड़कर समझाते हुए पीछे खींचा। नेता विपक्ष राहुल गांधी भी अपने सांसदों को शांत होने का इशारा करते दिखे। हंगामे को आमने-सामने के संग्राम में तब्दील होने की नौबत आते देख पीठासीन पदाधिकारी संध्या राय ने तत्काल सदन दो बजे तक स्थगित कर दिया।
हालांकि, सदन में गरमागरमी का माहौल तब भी रहा और कुछ ही क्षण में स्पीकर ओम बिरला आसन पर आकर दोनों पक्षों को नियंत्रित करने का प्रयास करने लगे। मगर जैसे ही सदन स्थगन की जानकारी उन्हें दी गई तो वे अपने चैंबर में चले गए, जहां पक्ष-विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं ने यह टकराव खत्म करने की पहल की।
स्पीकर ने सांसदों को दी नसीहत
बिरला ने कहा कि सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों वेल में की लाइन से बाहर न जाएं, यह सुनिश्चित करें और मंत्री तो विशेष रूप से मर्यादा और गरिमा का ध्यान रखें। सदन की गरिमा को कम न करें। चन्नी ने फिर अपना भाषण पूरा करना शुरू किया तो किसानों के मुद्दे पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से उनकी नोकझोंक हुई। गोयल ने चन्नी पर किसानों के मामले में गुमराह करने का आरोप लगाया और प्रमाण देने की मांग की।
नियमों तक जा पहुंची बात
स्पीकर ने भी चन्नी से उनकी बातों का प्रमाण देने के लिए कहा तब तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंधोपाध्याय ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि प्रमाण देने की परिपाटी राज्यसभा में है, लोकसभा में नहीं। इस पर भी पक्ष-विपक्ष के बीच हंगामा हुआ और चन्नी को अपना भाषण खत्म करना पड़ा।