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नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने के लिए नियमों में संशोधन: IAS ऋचा शर्मा की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों पर उठाया कदम,

छत्‍तीसगढ़ सरकार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ करा सकती है. इसके लिए नियमों में संशोधन करते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने छत्तीसगढ़ नगरपालिक निगम (संशोधन) अध्यादेश 2024 में प्रकाशित किया है. सरकार ने यह कदम IAS ऋचा शर्मा की अध्‍यक्षता में पांच सदस्‍यीय कमेटी की सिफारिश के आधार पर उठाया है

नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कार्यकाल पूरा होने से पहले ही नया चुनाव करना होता था, अब नए संशोधन के बाद 6 महीने के समय के लिए राज्य सरकार व्यवस्था बनाकर कार्य का संचालन कर सकती है. इस 6 महीने के भीतर नया चुनाव करना अनिवार्य है. इसके साथ राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना के मुताबिक, निर्वाचक नामावली में यदि त्रुटि हो तो उसे संशोधित किया जा सकता है.

छत्‍तीसगढ़ सरकार ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ आयोजित करने के लिए IAS ऋचा शर्मा की अध्‍यक्षता में पांच सदस्‍यीय कमेटी का गठन किया गया था. जानकारों के मुताबिक, कमेटी ने राज्‍य सरकार को अपनी सिफारिश पंचायत और निकाय चुनाव एक साथ कराए की सिफारिश की थी.

कमेटी ने रिपोर्ट में कहा कि इससे धन की बचत के साथ ही विकास कार्यों में तेजी आएगी. दोनों चुनाव अलग-अलग कराने से आचार संहिता भी दो बार लगानी पड़ेगी. इससे विकास के काम प्रभावित होंगे, मैन पॉवर भी ज्‍यादा लगेगा. दोनों चुनाव एक साथ कराने से इन सबकी बचत होगी.

2019-20 में हुआ था चुनाव

पिछला नगरीय निकाय चुनाव 2019-20 में हुआ था. राज्‍य के 27 जिलों के 151 निकायों के 2840 पार्षदों के चुनाव के लिए 21 दिसंबर 2019 को मतदान हुआ था, और 24 दिसंबर को परिणाम घोषित किए गए थे. वहीं 20 दिसंबर 2020 को 15 नगरीय निकायों के 370 वार्डों में आम चुनाव हुआ था. 16 नगरीय निकायों के 17 वार्डों में उपचुनाव हुआ था. इसके अलावा राज्य के 146 जनपद पंचायतों में स्थित त्रिस्तरीय पंचायतों में 400 जिला पंचायत सदस्य, 2979 जनपद पंचायत सदस्य, 11636 सरपंच और 160350 पंच पद के लिए चुनाव हुआ था.

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