छत्तीसगढ के गरियाबंद जिले में गांव की महिलाओं को झांसा देकर करीब 1 करोड़ की ठगी की गई। माइक्रो फाइनेंस के दलाल और उसकी पत्नी ने करीब 100 महिलाओं के नाम पर लोन लिया और फिर फरार हो गया। जब बैंक ने महिलाओं से लोन चुकाने को कहा तब इसका खुलासा हुआ
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में गांव की महिलाओं को झांसा देकर करीब 1 करोड़ की ठगी की गई। माइक्रो फाइनेंस के दलाल और उसकी पल्नी ने करीब 100 महिलाओं के नाम पर लोन लिया और फिर फरार हो गया। जब बैंक ने महिलाओं से लोन चुकाने को कहा तब इसका खुलासा हुआ।
जानकारी के मुताबिक, जिले के उरमाल गांव केही दलाल और उसकी पत्नी ने महिलाओं से दस्तावेज लिए। इसके लिए आकर्षक बीमा राशि मिलने का झांसा दिया गया। इसके बाद अलग-अलग महिलाओं के दस्तावेजों से लोन की राशि निकाल ली। बताया जा रहा है कि, उसने एक नहीं बल्कि 4 बैंक से लोन निकाला है।
मोहल्ले के ही पति-पत्नी ने बनाया कर्जदार
ग्रामीणों के मुताबिक, दलाल ने लोन की कुछ किस्त चुकाई भी थी। इसके बाद जब वह परिवार के साथ फरार हो गया तो बैंक के एजेंट वसूली के लिए महिलाओं के पास पहंचे। इससे परेशान होकर सैकड़ों महिलाएं थाने पहुंची और शिकायत दर्ज कराईं।
गरियाबंद के उरमाल गांव के वार्ड 3 और 4 में रहने वाली जानकी बाई, सकुंतला, हिरादी, गजुला, हराबती, दुशिला समेत अन्य महिलाएं देवभोग थाना पहुंची। उन्होंने मोहल्ले के ही किशन देवांगन और उसकी पत्नी गोदावरी पर 1 करोड़ से ज्यादा का कर्जदार बनाने का आरोप लगाया है।
48 महिलाओं के नाम से 60 लाख से ज्यादा की धोखाधड़ी
बताया जा रहा है कि, देवभोग में संचालित 4 निजी माइक्रो फाइनेंस बैंक से राशि निकाली गई है। आरोप है कि ठगी में बैंक के कर्मी भी शामिल हैं। फिलहाल शिकायत में 48 महिलाओं की नाम की सूची दी गई है। इन सभी के नाम से भारत फाइनेंस, स्पंदना, सेटिंन, फ्यूजन जैसे फाइनेंस बैंक से कर्ज लिया गया।दावा है कि सिर्फ 48 महिलाओं के नाम से ही 6० लाख से ज्यादा की रकम कर्ज के रूप में ली गई है
बोगस समूह की गारंटी पर 1 करोड़ की ठगी
दैनिक भास्कर की टीम ने महिलाओं से ठगी के आरोप की पड़ताल की। इसमें पता चला कि देवभोग में मौजूद माइक्रो फाइनेंस बैंक को गु लोन सैंक्शन करने का पावर है, जिन महिलाओं के साथ 1 करोड़ की ठगी हुई है, वह किसी समूह का सचालन नहीं करती।
इसका मतलब लोन ‘के लिए फर्जी गुप भी बनाया गया। दलाल ने 4 बैंक से लोन निकाला और सभी जगह अलग-अलग समूह के नाम का जिक्र किया गया है। बैंकों ने समूह की गारंटी पर सभी महिलाओं के नाम 40 हजार सेडेढ लाख तक का लोन दिया है।
एक महिला के नाम पर 40 हजार से डेढ़ लाख तक का लोन
किशन देवांगन यूनियन बैंक से UPI लेकर ग्राहक सेवा केंद्र चलाता था। ऐसे में महिलाओं के खाते में जमा सभी रकम वह अपने घर बुलाकर आसानी से आहरण कर लेता था। महिलाओं के सामने कभी भी रकम का जिक्र नहीं किया, इसलिए धोखाधड़ी का शिकार बनी महिलाओं में से किसी को भी यह पता नहीं चला कि उनके नाम पर कितने बैंकों से कितनी रकम निकाली गई।
टारगेट के खेल में उड़ाई नियमों की धज्जियां
इस क्षेत्र में 2018 से माइक्रो फाइनेंस बैंक खुले हैं, जहां से 7 दिन, 15 दिन और मासिक किस्त के आधार पर अब तक 16 हजार महिलाओं को लोन दिया है। 23 से 25 प्रतिशत सालाना ब्याज दर के आधार पर यह लोन लिया गया है। बैंक में नियमित राशि जमा कर रहे
कस्टमर को लोन पूरा होने से पहले फिर से लोन भी दे दिया जाता है।
ज्यादातर ग्रामीण महिलाएं हैं। टारगेट पूरा करने के चककर में बैंक दलालों के भरोसे पर ही लेन-देन कर देते हैं। हालांकि लोन देने वालों के पुख्ता पेपर अपने पास रख रहे हैं, लेकिन इस बात का वे सुनिश्चित नहीं कर रहे हैं कि दी जा रही रकम क्या वाकई में महिला समूह या महिलाएं डस्तेमाल कर रही हैं।
जांच हुई तो खुलेंगे कई चौंकाने वाले मामले
पंजीकृत महिला समूह को बहुत ही कम ब्याज दर पर अथिकृत बैंक आसानी से लोन उपलब्ध करा रहे हैं। इन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिरकार निजी बैंकों से कर्ज उठाने वाली ये 16 हजार महिलाएं कौन हैं। मामले की जांच हुई तो कई चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आ सकते हैं।
कई सेंटर हैं, जहां बल्क में लेन देन
बंकों की व्यवस्था स्ट्रक्चर के मुताबिक किशन उनके लिए एक सेंटर है और ऐसे और भी कई सेंटर हैं। एक सेंटर 30 से 40 महिलाओं के लोन के लेन-देन को हैंडल करता है। बैंक ने आरोप को खारिज करते हुए बताया कि, किश्त की राशि भी सेंटर के जरिए तय समय पर जमा होते आई है।
हमारी बात भारत फाइनेंस के शाखा मैनेजर रजत चंद्राकर स्पंदना के मैनेजर विजय नाथ के अलावा समस्ता बैंक के कस्टमर रिलेशन शिप ऑफिसर मुकेश नायक से हुई। तीनों ने बताया कि किशन सेंटर से उनके बैंक से किश्त की राशि जमा होती है। इस सेंटर जैसे कई और सेंटर का नाम भी उन्होंने बताया।
बैंकों ने स्पष्ट किया है कि लोन की राशि पूरी प्रकिया का पालन कर के ही दी गई है। लोन के पेपर से लेकर एग्रीमेंट में लोनधारी महिलाओं के हस्ताक्षर और फोटो चस्पा हैं। लोन अमाउंट सभी के खाते में डाला जाता रहा है। वहीं देवभोग थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने बताया कि उरमाल की महिलाओं ने शिकायत की है। उच्च अधिकारियों से बातकर आगे की जांच की जा रही है।